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अमित शाह, योगी आदित्यनाथ और जेपी नड्डा.... बीजेपी का मिशन वेस्ट यूपी शुरू

लखनऊ : यूपी चुनाव ( ) के पहले चरण का नामांकन खत्‍म होने को है। चुनाव आयोग ने अब तक बड़ी रैलियों की अनुमति नहीं दी है। इस बीच, बीजेपी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर आई है। फोकस पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश पर है जहां पार्टी के बड़े नेताओं का जमावड़ा लग रहा है। शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री शामली जिले के कैराना ( ) जाएंगे और डोर-टू-डोर अभियान की शुरुआत करेंगे। कैराना इस वक्‍त बीजेपी के एजेंडे में काफी ऊपर है। शाह मथुरा और मेरठ भी जा सकते हैं जहां उनका कई सामाजिक संगठनों से मिलने का कार्यक्रम है। यूपी सीएम (Yogi Adityanath) आज अलीगढ़, सहारनपुर और बुलंदशहर में होंगे। वह भी चुनावी सीजन में भाजपाइयों को चुनावी टिप्स देंगे। बीजेपी चीफ जेपी नड्डा (J P Nadda) ने आगरा और बरेली में ताबड़तोड़ बैठकें की हैं। बीजेपी का प्‍लान क्‍या है?कैराना के मुद्दे को बीजेपी लगातार उठाती रही है। शाह का वहां पहुंचकर घर-घर संपर्क अभियान की शुरुआत करना कार्यकर्ताओं को साफ संदेश है। वह संगठन से जुड़ी कई बैठकों में भी शामिल होंगे। मथुरा और मेरठ में विभिन्‍न सामाजिक संगठनों संग शाह की प्रस्‍तावित बैठकों के पीछे पार्टी की रणनीति अलग-अलग समूहों के साथ जुड़ा नजर आने की है। बड़े नेताओं को मैदान पर उतारकर बीजेपी विपक्षी दलों, खासतौर से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर एडवांटेज लेा चाहती है। कोरोना के मद्देनजर चुनाव आयोग के रैलियों पर बैन लगाने के बाद, अखिलेश पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया पर निर्भर रहे हैं। यही हाल बसपा प्रमुख मायावती का भी है जो अब तक चुनाव प्रचार से दूर रही हैं। मोदी ने की थी शुरुआत, बाकी पीछे-पीछेबीजेपी के एक वरिष्‍ठ नेता ने हमारे सहयोगी टाइम्‍स ऑफ इंडिया केा बताया कि ग्राउंड लेवल पर पार्टी के बड़े नेताओं की मौजूदगी का सामान्‍य कार्यकर्ता पर असर तो दिखेगा ही। उन्‍होंने कहा, 'यह एक बूस्‍टर की तरह काम करता है और जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को व्‍यापक जनसंपर्क बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।' बीजेपी सूत्रों के अनुसार, यह सिलसिला पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था जब उन्‍होंने वाराणसी के बूथ लेवल अध्‍यक्षों से वर्चुअली बात की। इस चुनावी सीजन में मोदी का कार्यकर्ताओं से यह पहला औपचारिक राजनीतिक संवाद था। वेस्‍ट यूपी में क्‍या करेंगे शाह?शनिवार को शाह कई संगठनात्मक बैठकें करेंगे। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को सुझाव देंगे। वह दोपहर करीब ढाई बजे कैराना पहुंचेंगे और आयोग की गाइडलाइंस का पालन करते हुए घर-घर जाएंगे। इसके बाद वह शामली और फिर मेरठ में बैठकें करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, वे टिकट न मिलने से नाराज नेताओं और उनके समर्थकों को मनाने की कोशिश करेंगे। शाह से उम्‍मीद होगी कि जिस तरह उन्‍होंने कैराना पलायन और 2013 के मुजफ्फरनगर हिंसा के बाद वेस्ट यूपी में ध्रुवीकरण को धार दी थी, विपक्षी दलों को घेरा था, असरदार नेताओं को पार्टी से जोड़ा था और विपक्ष के जनाधार वाले नेताओं को साथ लिया था, वैसा ही कुछ कर दिखाएं। शाह पर वेस्ट यूपी में बीजेपी के खिलाफ किसान आंदोलन को लेकर उपजी नाराजगी को दूर करने का भी जिम्‍मा होगा। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को कई जिलों में दौरा करेंगे। चुनावी सीजन में भाजपाइयों को टिप्स देंगे। योगी शनिवार को अलीगढ़ में रहेंगे। वह कोरोना की तैयारी को लेकर दीनदयाल अस्पताल का निरीक्षण करेंगे। इसके साथ ही बीजेपी पदाधिकारियों संग बैठक करेंगे। सीएम का सहारनपुर और बुलंदशहर आने का भी प्रोग्राम है। चार दिन पहले वह गाजियाबाद में भी कोरोना से बचाव की तैयारी परखने आए थे लेकिन उनके निशाने पर वहां विपक्ष खासकर एसपी अध्यक्ष रहे थे। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शुक्रवार को आगरा पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने आगरा और अलीगढ़ मंडल के संगठन को चुनाव में जीत का मंत्र और विपक्ष को घेरने के लिए व्यूह रचना तैयार की। नड्डा शुक्रवार को फतेहाबाद रोड स्थित एक होटल में आगरा, अलीगढ़ मंडल के जिला प्रभारी, विधानसभा प्रभारी, मोर्चे के क्षेत्र और जिलाध्यक्ष से मिले। उन्होंने गांव-गांव, घर-घर पहुंच बनाने के लिए संगठन को पूरी ताकत झोंकने के लिए प्रेरित किया। इससे पहले जेपी नड्डा ने शमसाबाद रोड स्थित राजेश्वर मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की। इस दौरान केंद्रीय कानून राज्य मंत्री और आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल उनके साथ रहे।


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