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कमर दर्द में कैसे आराम दिलाते हैं हीटिंग और आइस पैक, जानें कब करें कौन सा इस्तेमाल?

आज के समय में कमर दर्द की समस्या बेहद आम हो चुकी है। टीनेजर से लेकर बड़े बुजुर्गों तक बहुत से लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। आपको बता दें कि लोअर बैक में दर्द की समस्या आमतौर पर 4 सप्ताह से लेकर 12 सप्ताह तक बनी रह सकती है। वहीं अगर इस समय के बाद भी यह दर्द ठीक न हो तो इसे क्रोनिक पेन की श्रेणी में गिना जाता है। यह दर्द होने की कई वजह हो सकती हैं जैसे उम्र की वजह से, माइनर या मेजर स्लिप डिस्क और एक से अधिक समस्या की वजह से भी कमर दर्द हो सकता है। इसके अलावा कमर में दर्द मसल्स, डिस्क, टेंडंस, लिगामेंट में भी हो सकता है। वहीं अगर बात लोअर बैक में पेन की आती है, तो इस पर बहस अधिक हो जाती है। ऐसे में लोग यह समझ ही नहीं पाते कि इस दर्द में हीटिंग पैड इस्तेमाल किया जाए या फिर आइस पैड। इसी बहस को खत्म करने के लिए आज हम आपके सामने यह लेख लेकर आए हैं। हमारे इस लेख के जरिए आप आसानी से समझ जाएंगे कि कमर दर्द में किस समय हीटिंग पैड इस्तेमाल करना है और किस समय आइस पैड का। साथ ही कितने देर तक इन पैड का उपयोग आपके लिए अधिक लाभदायक होगा। कब करें आइस पैक का उपयोग आमतौर पर लोगों को करने की सलाह तब दी जाती है, जब चोट या दर्द ताजी हो या तभी लगी हो। इसके अलावा अर्थराइटिस फाउंडेशन के मुताबिक चोट या इंजरी के दो दिन बाद तक भी आइस ट्रीटमेंट का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही एक्सरसाइज के तुरंत बाद होने वाले दर्द में भी आइस पैक के जरिए दर्द से राहत पाई जा सकती है। 10 से 20 मिनट करें सिकाई विशेषज्ञों के मुताबिक आइस पैक के जरिए लोअर बॉडी का तापमान कम हो जाता है और रक्त वाहिकाएं भी सिकुड़ जाती हैं। यही नहीं इससे और दर्द से भी राहत मिलने लगती है। ऐसे में दर्द से राहत पाने के लिए आप दिन में कई बार 10 से 20 मिनट के लिए आइस पैक से सिकाई कर सकते हैं। अपनी स्किन की सुरक्षा के लिए आप इसे तौलिए में लपेट कर इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रहे अधिक समय के लिए आइस पैक का उपयोग न करें। हीटिंग पैक का इस्तेमाल कब करें हीटिंग पैक का उपयोग आमतौर पर क्रोनिक पेन यानी लंबे समय से चल रहे दर्द के दौरान ही किया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक एक पुराने पीठ दर्द से राहत पाने के लिए लगातार हीटिंग पैक का उपयोग फायदेमंद होता है। इसके लिए आपको अपनी लोअर बैक के आस पास एक हीटिंग ब्लैंकेट को लपेटना होता है, इसके जरिए तनाव या कमर में आई मोच के दर्द से राहत मिल सकती है। यही नहीं इसके जरिए प्राप्त गर्मी से मांसपेशियों में आई ऐंठन से भी छुटकारा मिल सकता है। हीटिंग और आइस पैक दोनों का उपयोग जानकारों के मुताबिक कभी - कभी केवल आइस पैक या हीटिंग पैक ही पर्याप्त नहीं होते। ऐसे में इन दोनों का उपयोग किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक एक्यूट पेन के लिए पहले आइस पैक और फिर बाद में हीटिंग पैक का उपयोग किया जाना चाहिए। डॉक्टरों को कहना है कि शुरुआती 48 घंटों में मसल्स को रिलैक्स करने और दर्द को गंभीर होने से रोकने के लिए यह किया जाना चाहिए। 20 से 30 मिनट तक करें सिकाई आपको बता दें कि के जरिए ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हो जाता है, जिसकी वजह से प्रभावित टिशू को पोषक तत्व मिलते हैं और यह जल्दी ठीक होने लगते हैं। ऐसे में टिशू को जल्दी ठीक करने के लिए आपको हीटिंग थेरेपी का उपयोग कई दिनों तक रुक - रुक कर किया जाना चाहिए। इसके लिए आप हीटिंग पैक या गर्म पानी की बोतल उपयोग में ले सकते हैं। इससे दर्द से राहत मिल सकती है। लेकिन ध्यान रहे कि हीटिंग पैक या गर्म पानी की बोतल का तापमान अधिक न हो। साथ ही इसका उपयोग एक समय में ज्यादा से ज्यादा 20 से 30 मिनट तक ही करना चाहिए। दर्द से राहत न मिलने पर क्या करे ऐसा कई बार होता है जब हीटिंग पैक और आइस पैक के उपयोग के बाद भी दर्द की समस्या कम ही नहीं होती। ऐसे में इनका अधिक उपयोग करने की बजाय, डॉक्टरों को दिखाना चाहिए। क्योंकि जांच के बाद ही समस्या की गंभीरता को समझा जा सकता है। इसके बाद डॉक्टर देखेगा कि दर्द से राहत पाने के लिए फिजियोथेरेपी ठीक है या फिर स्टेरॉयड्स। डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।


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