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बच्‍चा होने के बाद वजन पहुंच गया था 86 Kg, महिला ने इस डाइट प्‍लान से घटाया बंपर वजन

नोएडा की रहने वाली शुभ्रा पाठक प्रेग्नेंसी के दौरान लगातार बढ़ते वजन से परेशान थीं। वैसे तो इन नौ महीनों में वजन बढ़ना एकदम सामान्य है, लेकिन शुभ्रा के साथ यह स्थिति नॉर्मल नहीं थी। दरअसल, वजन बढ़ ने के कारण उन्हें और भी कई स्वास्थ्य स्थितियों का सामना करना पड़ रहा था। पीसीओएस और डायबिटीज जैसी स्थितियों को फेस करना काफी चुनौतीभरा रहा। जब उनका स्वास्थ्य मोटापे के कारण खराब रहने लगा, तब उन्होंने वजन घटाने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले हेल्दी डाइट लेना शुरू की, अपने मैक्रोज को ट्रेक किया और नियमित रूप से हार्ड वर्कआउट की बदौलत मात्र डेढ़ साल में 13 किलो वजन कम करके फिटर बन गईं। वेटलॉस करना शुभ्रा के लिए इतना आसान नहीं था। उन्होंने न केवल अस्वस्थ चीजों को अपनी जीवनशैली से दूर रखा, बल्कि नई आदतों को अपने जीवन में शामिल भी किया। शुभ्रा की वेटलॉस जर्नी हर उस महिला के लिए इंस्पीरेशन है, जो गर्भावस्था के बाद वजन घटाने के लिए संघर्ष करती हैं। तो आइए जानते हैं कि 86 किलो से 73 किलो तक आने के लिए इस महिला ने कितनी मेहनत की। नाम- शुभ्रा पाठकव्यवसाय- आईटी सेल्सउम्र- 39 वर्ष हाइट- 5.4''शहर- नोएडासबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया वजन- 86 किग्राकम किया वजन- 12-13 किलो वजन कम करने में लगने वाला समय- 1-1.5 साल(Image Credit: TOI)

39 वर्षीय शुभ्रा का गर्भावस्था के दौरान वजन 86 किलो हो गया था। उन्होंने स्वस्थ खान-पान और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की बदौलत मात्र डेढ़ साल में 13 किलो वजन घटा लिया।


Weight Loss Transformation: बच्‍चा होने के बाद वजन पहुंच गया था 86 Kg, महिला ने इस डाइट प्‍लान से घटाया बंपर वजन

नोएडा की रहने वाली शुभ्रा पाठक प्रेग्नेंसी के दौरान लगातार बढ़ते वजन से परेशान थीं। वैसे तो इन नौ महीनों में वजन बढ़ना एकदम सामान्य है, लेकिन शुभ्रा के साथ यह स्थिति नॉर्मल नहीं थी। दरअसल, वजन बढ़ ने के कारण उन्हें और भी कई स्वास्थ्य स्थितियों का सामना करना पड़ रहा था। पीसीओएस और डायबिटीज जैसी स्थितियों को फेस करना काफी चुनौतीभरा रहा। जब उनका स्वास्थ्य मोटापे के कारण खराब रहने लगा, तब उन्होंने वजन घटाने का फैसला किया।

इसके लिए उन्होंने सबसे पहले हेल्दी डाइट लेना शुरू की, अपने मैक्रोज को ट्रेक किया और नियमित रूप से हार्ड वर्कआउट की बदौलत मात्र डेढ़ साल में 13 किलो वजन कम करके फिटर बन गईं। वेटलॉस करना शुभ्रा के लिए इतना आसान नहीं था। उन्होंने न केवल अस्वस्थ चीजों को अपनी जीवनशैली से दूर रखा, बल्कि नई आदतों को अपने जीवन में शामिल भी किया। शुभ्रा की वेटलॉस जर्नी हर उस महिला के लिए इंस्पीरेशन है, जो गर्भावस्था के बाद वजन घटाने के लिए संघर्ष करती हैं। तो आइए जानते हैं कि 86 किलो से 73 किलो तक आने के लिए इस महिला ने कितनी मेहनत की।

नाम- शुभ्रा पाठक

व्यवसाय- आईटी सेल्स

उम्र- 39 वर्ष

हाइट- 5.4''

शहर- नोएडा

सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया वजन- 86 किग्रा

कम किया वजन- 12-13 किलो

वजन कम करने में लगने वाला समय- 1-1.5 साल

(Image Credit: TOI)



कैसे शुरू हुई वेट लॉस जर्नी ​
कैसे शुरू हुई वेट लॉस जर्नी ​

शुभ्रा बताती हैं कि मेरी प्रेग्नेंसी के दौरान मेरा वजन 86 किलो हो गया था, जो अब तक का सबसे ज्यादा वजन था। बढ़ते वजन ने न केवल लाइफस्टाइल ये जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ाया बल्कि मेरे मानसिक स्वास्थ्य को भी बुरी तरह से प्रभावित किया। जब मेरा

डायबिटीज

हीमोग्लोबिन A1Cसी लेवल 7.8 पर पहुंच गया , तब मैंने अपना वजन कम करने और जीवन को पटरी पर लाने का फैसला किया।



​कैसी रही डाइट-
​कैसी रही डाइट-

नाश्ता-

3 अंडे, चाय के साथ एक ब्रेड, वर्कआउट के दौरान लंच और ब्रेकफास्ट के बीच एक प्रोटीन शेक।

दोपहर का भोजन-

सब्जियों के साथ दाल-चावल

रात का खाना-

पनीर बुर्जी

प्री-वर्कआउट मील-

ब्लैक कॉफी

पोस्ट वर्कआउट मील-

नाश्ता या प्रोटीन शेक

लो कैलेारी रेसिपी-

बेसन चीला, पनीर और चावल



​वर्कआउट रिजाइम
​वर्कआउट रिजाइम

शुभ्रा कहती हैं कि मैं सप्ताह में 4-5 दिन

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग

करती हूं और इसके अलावा हर दिन 8-10 हजार कदम चलने पर जोर देती हूं।



​जीवनशैली में क्या बदलाव किए
​जीवनशैली में क्या बदलाव किए

शुभ्रा कहती हैं कि मैंने सभी खाद्य पदार्थों को हेल्दी फूड में बदल दिया और नाश्ते में मखाना खाना शुरू किया। अपनी वजन कम करने की यात्रा के दौरान मैंने खूब पानी पिया है।



​मोटिवेट कैसे रहीं
​मोटिवेट कैसे रहीं

शुभ्रा कहती हैं कि आपकी संगति सबसे महत्वपूर्ण चीज है। उस समय को देखते हुए जब मैं अनहेल्दी थी, अब अहसास होता है कि फिट रहना कितना जरूरी है।

पीसीओएस

, डायबिटीज और घर के बुनियादी काम करने के लिए एनर्जी के बिना जीना एक चैलेंज जैसा होता था। इसी ने मुझे अपने वर्कआउट रूटीन पर बने रहने के लिए प्रेरित किया।



​ओवरवेट होने के दौरान किन समस्याओं का सामना करना पड़ा
​ओवरवेट होने के दौरान किन समस्याओं का सामना करना पड़ा

मोटापा एक ऐसी समस्या है, जिससे कई बीमारियां जन्म लेती हैं। इसके साथ ही यह सारी एनर्जी को भी खत्म कर देता है। शुभ्रा कहती हैं कि अपने बढ़ते वजन के साथ मेरा मानसिक स्वास्थ्य खराब होता जा रहा था। यही वजह है कि मुझे शरीर से ज्यादा दिमाग के लिए कसरत करनी पड़ी।



​वजन घटाने से क्या सीख मिली
​वजन घटाने से क्या सीख मिली

शुभ्रा के अनुसार, एक्टिव रहना एक खूबसूरत अहसास है। वर्कआउट करते समय थोड़ा दर्द का अनुभव जरूर किया, लेकिन मुझे इस दर्द के बदले बहुत अच्छे परिणाम मिले।

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डिस्क्लेमर : लेखक के लिए जो चीजें काम आईं जरूरी नहीं है कि आपके लिए भी काम करें। तो इस लेख में बताई गई डाइट-वर्कआउट को आंख मूंदकर फॉलो करने से बचें और पता करें कि आपके शरीर के लिए सबसे अच्छा क्या काम करता है।

यदि आपके पास भी ऐसी ही वेट लॉस से जुड़ी अपनी कहानी है, तो हमें nbtlifestyle@timesinternet.in पर भेजें।





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