ब्लॉगः रूस-यूक्रेन विवाद पर भारत वही भूमिका अदा कर सकता है जो तब नेहरू ने की थी
यूक्रेन को लेकर दुनिया की पांचों महाशक्तियां आज जितनी परेशान दिख रही हैं, उतनी द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कभी नहीं रहीं। 1962 के क्यूबा-कांड के दौरान पूरा मामला अमेरिका और सोवियत रूस के बीच था, लेकिन यूक्रेन विवाद पर अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी एक तरफ हैं तो रूस और चीन दूसरी तरफ। यदि यूक्रेन को लेकर युद्ध छिड़ा तो वह द्वितीय विश्वयुद्ध से भी अधिक खतरनाक सिद्ध हो सकता है। अमेरिकी सैन्य गठबंधन नाटो के सदस्य देश सारे यूरोप को युद्धभूमि बना देंगे और कोई आश्चर्य नहीं कि रूस के साथी चीन को घेरने के लिए 'क्वाड' नामक चौगुटे के चार राष्ट्र- अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी सारे दक्षिण-पूर्व एशिया में खलबली मचा दें।
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