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सेहत के लिए क्या है बेहतर सरसों तेल या रिफाइंड? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स और रिसर्च

खाना बनाने के लिए विभिन्न तरह के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। अगर बात करें भारत की तो, यहां सबसे ज्यादा सरसों तेल और रिफाइंड तेल का सबसे अधिक इस्तेमाल होता है। इन दोनों तेल का अपना अलग-अलग स्वाद और फायदे-नुकसान हैं। हालांकि पहले ज्यादा सरसों तेल का अधिक इस्तेमाल होता था लेकिन पिछले कुछ दशकों में रिफाइंड तेल का इस्तेमाल भी बहुत तेजी से बढ़ा है।तेल के बिना खाना बनाना असंभव है। खाना पकाने के तेलों के बारे में कई मिथक भी हैं। कुछ लोग कहते हैं कि तेल सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं और आपको मोटा बना सकते हैं, जबकि कुछ अध्ययनों का दावा है कि कुछ तेल हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। स्वास्थ्य पहलुओं पर बात की जाए, तो सवाल पैदा होता है कि कौन सा तेल सेहत के लिए फायदेमंद होता है सरसों तेल या फिर रिफाइंड तेल? दरअसल यह एक ऐसा सामान्य सवाल है जिसके बारे में बहुत से लोग जानना चाहते हैं। आजकल लोग बढ़ती बीमारियों और मोटापे को लेकर सतर्क हो गए हैं और वो जानना चाहते हैं कि जिस तेल का वो इस्तेमाल कर रहे हैं, क्या वो उनके स्वास्थ्य के लिए ठीक है। चलिए हम आपको बताते हैं कि इनमें कौन सा तेल बढ़िया है।

कौन सा तेल खाना चाहिए : यह एक ऐसा सामान्य सवाल है जिसके बारे में बहुत से लोग जानना चाहते हैं। आजकल लोग बढ़ती बीमारियों और मोटापे को लेकर सतर्क हो गए हैं और वो जानना चाहते हैं कि जिस तेल का वो इस्तेमाल कर रहे हैं, क्या वो उनके स्वास्थ्य के लिए ठीक है।


Mustard oil vs Refined oil: सेहत के लिए क्या है बेहतर सरसों तेल या रिफाइंड? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स और रिसर्च

खाना बनाने के लिए विभिन्न तरह के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। अगर बात करें भारत की तो, यहां सबसे ज्यादा सरसों तेल और रिफाइंड तेल का सबसे अधिक इस्तेमाल होता है। इन दोनों तेल का अपना अलग-अलग स्वाद और फायदे-नुकसान हैं। हालांकि पहले ज्यादा सरसों तेल का अधिक इस्तेमाल होता था लेकिन पिछले कुछ दशकों में रिफाइंड तेल का इस्तेमाल भी बहुत तेजी से बढ़ा है।

तेल के बिना खाना बनाना असंभव है। खाना पकाने के तेलों के बारे में कई मिथक भी हैं। कुछ लोग कहते हैं कि तेल सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं और आपको मोटा बना सकते हैं, जबकि कुछ अध्ययनों का दावा है कि कुछ तेल

हृदय स्वास्थ्य

के लिए फायदेमंद होते हैं।

स्वास्थ्य पहलुओं पर बात की जाए, तो सवाल पैदा होता है कि कौन सा तेल सेहत के लिए फायदेमंद होता है सरसों तेल या फिर रिफाइंड तेल? दरअसल यह एक ऐसा सामान्य सवाल है जिसके बारे में बहुत से लोग जानना चाहते हैं। आजकल लोग बढ़ती बीमारियों और

मोटापे

को लेकर सतर्क हो गए हैं और वो जानना चाहते हैं कि जिस तेल का वो इस्तेमाल कर रहे हैं, क्या वो उनके स्वास्थ्य के लिए ठीक है। चलिए हम आपको बताते हैं कि इनमें कौन सा तेल बढ़िया है।



रिफाइंड तेल और सरसों तेल में फर्क
रिफाइंड तेल और सरसों तेल में फर्क

रिफाइंड तेल अच्छी तरह से रिफाइंड कच्चा तेल होता है और पौधे या वनस्पति से रासायनिक रूप से बदलकर प्राप्त किया जाता है, जबकि सरसों का तेल सरसों के बीज को कुचलने से प्राप्त किया जाता है।



सरसों तेल और रिफाइंड के पोषक तत्व
सरसों तेल और रिफाइंड के पोषक तत्व

फैट सीक्रेट (FatSecret) के अनुसार,

100 ग्राम सरसों के तेल और रिफाइंड में ऊर्जा 884 किलो कैलोरी होती है और फैट 100 ग्राम होता है। सरसों तेल में सैचुरेटेड फैट 14.4 ग्राम और रिफाइंड में 11.582 ग्राम होता है जबकि मोनोअनसैचुरेटेड फैट 23.3 ग्राम और 59.187 ग्राम होता है। अगर बात करें पॉलीअनसेचुरेटेड फैट की तो सरसों तेल में 57.9 ग्राम और रिफाइंड में 21.23 ग्राम होता है।



रोगाणुओं के विकास को रोकने में सहायक
रोगाणुओं के विकास को रोकने में सहायक

सरसों का तेल अपने एंटी-माइक्रोबियल गुणों के कारण शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को रोकता है।

एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध

ने निष्कर्ष निकाला कि अन्य एंटी-माइक्रोबियल तेलों की तुलना में, सरसों का तेल रोगजनक बैक्टीरिया विकास को रोकने में सबसे प्रभावी था।



ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक
ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक

एनसीबीआई के एक अध्ययन

ने निष्कर्ष निकाला है कि सरसों के तेल में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो ट्राइग्लिसराइड लेवल कम करके ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकता है दिल के रोगों से बचाता है।



त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है
त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है

सरसों के तेल का त्वचा और बालों के लिए अच्छा होता है क्योंकि यह त्वचा के ऊतकों को मजबूत करने के लिए जाना जाता है।

एनसीबीआई के एक अध्ययन

ने निष्कर्ष निकाला है कि सरसों के तेल से मालिश करने से बच्चों में त्वचा बेहतर बनती है।



कैंसर को रोकने में सहायक
कैंसर को रोकने में सहायक

एनसीबीआई के एक अध्ययन

से पता चला है कि सरसों के बीज एलिल आइसोथियोसाइनेट से भरे होते हैं, जो कुछ प्रकार के कैंसर के विकास को कम कर सकते हैं। इससे शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद मिल सकती है।



एंटी इंफ्लेमेटरी गुण
एंटी इंफ्लेमेटरी गुण

अध्ययन के अनुसार, सरसों के तेल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जिसके कारण गठिया के लक्षणों से राहत मिल सकती है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है, जो शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है और सूजन को काफी हद तक कम करता है।



आपको कौन सा तेल खाना चाहिए
आपको कौन सा तेल खाना चाहिए

जाहिर है कई रिसर्च में सरसों के तेल के कई बड़े स्वास्थ्य लाभ बताए गए हैं। इसे रिफाइंड तेल की तुलना में ज्यादा लाभदायक माना गया है। हालांकि कई लोगों को सरसों के तेल का स्वाद पसंद नहीं होता है। अब आप अपने स्वाद अनुसार तय करें कि आपको कौन सा तेल खाना चाहिए।





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