CDC की सलाह-कोरोना के 11 लक्षण दिखते ही तुरंत करें 6 काम, जल्दी टल जाएगी मुसीबत

Corona se bachne ke upay: सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, कोरोना के हल्के लक्षणों से लेकर गंभीर बीमारी तक मामले देखे जा रहे हैं। किसी भी लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और कोरोना से जल्दी निपटने के लिए कुछ उपायों पर तुरंत काम करना चाहिए।

कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic)
की वजह पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है। पिछले दो सालों में 37 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ गए हैं। इस खतरनाक वायरस ने 75 लाख के आसपास लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। संक्रमितों और मरने वालों का यह आंकड़ा थमता नहीं दिख रहा है। सबसे ज्यादा बुरे हालात कोरोना के नए वेरिएंट
ओमीक्रोन (Omicron)
के आने पर हो गए हैं।
के नए-नए वेरिएंट आने के बाद वायरस के लक्षण भी बदल रहे हैं। कोरोना के मरीजों में खांसी, सर्दी, बुखार, गले में खराश, थकान, सिरदर्द, गंध और स्वाद की कमी, पीठ दर्द और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार
, कोरोना के हल्के लक्षणों से लेकर गंभीर बीमारी तक मामले देखे जा रहे हैं।
सीडीसी के अनुसार,
के संपर्क में आने के 2-14 दिनों बाद लक्षण दिखाई दे सकते हैं। किसी को भी हल्के से लेकर गंभीर लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों में बुखार या ठंड लगना, खांसी, सांस की तकलीफ या सांस लेने में कठिनाई, थकान, मांसपेशियों या शरीर में दर्द, सिरदर्द, स्वाद या गंध का नया नुकसान, गले में खराश, कंजेशन या बहती नाक, मतली या उलटी और दस्त शामिल हैं। इन लक्षणों के महसूस होने पर आपके नीचे बताए गए काम करने चाहिए।
कोरोना वायरस सेल्फ-चेकर

सेल्फ-चेकर एक इंटरेक्टिव क्लिनिकल असेसमेंट टूल है, जो 13 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों और 2 से 12 साल के बच्चों के माता-पिता और देखभाल करने वालों को यह तय करने में सहायता करेगा कि परीक्षण या चिकित्सा देखभाल कब लेनी है, अगर उन्हें संदेह है कि वो या उनका कोई परिचित कोरोना पीड़ित के संपर्क में आया है।
टेस्ट कराएं

अगर आपको
महसूस हो रहे हैं, तो आपको कोरोना की जांच करानी चाहिए। अगर लक्षण नहीं भी महसूस हो रहे हैं और आप किसी पीड़ित के संपर्क में आए हैं, तो भी आपको जांच करानी चाहिए।
अगर बीमार हैं तो क्या करें

अगर आपको लक्षण और बीमार महसूस कर रहे हैं, तो घर पर रहने की कोशिश करें. घर पर खाने-पीने का ध्यान रखें। बुखार की दवा लें और डॉक्टर के साथ संपर्क में रहें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
बीमार होने पर खुद को अलग कर लें

और बीमार महसूस होने पर खुद को अलग कर लें और कम से कम दस दिनों तक किसी से न मिलें। इस दौरान मास्क लगाकर रखें और परिजनों से भी दूर रहने की कोशिश करें। अपना सामान किसी से साझा न करें। इस्तेमाल किया हुआ मास्क काटकर कुछ दिनों तक अलग रखें और बाद में सुरक्षित जहग फेंक दें।
बीमार व्यक्ति की सही तरह देखभाल जरूरी

बीमार व्यक्ति की देखभाल और दवा के लिए अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करने में मदद करें। देखें कि क्या बुखार के लिए डॉक्टर के पर्चे के बिना मिलने वाली दवाएं व्यक्ति को बेहतर महसूस करने में मदद कर रही हैं या नहीं। मरीज को बहुत सारे तरल पदार्थ दें। मरीज को परिजनों और घर के पालतू जानवरों से भी दूर रखें।
इमरजेंसी हेल्प कब लें

यदि कोई लक्षण गंभीर होता दिख रहा है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। इन लक्षणों पर खास ध्यान रखें- सांस लेने में तकलीफ, सीने में लगातार दर्द या दबाव, उलझन या बेचैनी, जागने रहने में असमर्थता, त्वचा, नाखून या होंठ का रंग पीला या नीला होना।
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