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CDC ने बताया मिर्गी का दौरा पड़ने पर तुरंत करें 6 काम, मरीज की हालत नहीं होगी गंभीर

हर साल फरवरी के दूसरे सोमवार को अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस (International Epilepsy Day) मनाया जाता है। इस साल यह दिवस 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे (Valentine Day) पर मनाया जा रहा है। साल 2015 में इंटरनेशनल ब्यूरो फॉर एपिलेप्सी (IBE) और इंटरनेशनल लीग अगेंस्ट एपिलेप्सी (ILAE) द्वारा इस दिवस को मनाने के शुरुआत की गई। मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसमें दिमाग की गतिविधि असामान्य हो जाती है। यह समस्या किसी को भी प्रभावित कर सकती है। इसमें पीड़ित की स्थिति उस समय गंभीर हो सकती है, जब मिर्गी का दौरा आता है। इस रोग का कोई जोखिम वाला समूह नहीं है। इसका मतलब है है कि छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी प्रभावित कर सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि जेनेटिक, फैमिली हिस्ट्री, स्ट्रोक आदि मिर्गी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। अगर बात करें मिर्गी के लक्षणों ( Epilepsy symptoms) की तो, मिर्गी के दौरे के दौरान पीड़ित का व्यवहार बदल जाता है जिसमें कभी-कभी चेतना का नुकसान भी शामिल होता है। दौरे के बीच कुछ लक्षण हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में मरीज बेहोशी या थकान, मांसपेशी संकुचन या मांसपेशियों में ऐंठन, भूलने की बीमारी, चिंता, अवसाद आदि जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, 10 में से लगभग 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में मिर्गी का दौरा पड़ सकता है। इसका मतलब है कि मिर्गी का दौरा आम है और किसी भी दिन आप इसकी चपेट में आ सकते हैं। इसलिए आपको दौरे के दौरान या बाद में किसी की मदद करने या लेने की जरूरत पड़ सकती है। चलिए जानते हैं कि अगर किसी को मिर्गी का दौरा आ जाए, तो आपको क्या करना चाहिए जिससे उसकी हालत और ज्यादा गंभीर होने से बचाई जा सके।(फोटो साभार: TOI)

मिर्गी का घरेलू इलाज : यह समस्या किसी को भी प्रभावित कर सकती है। इसमें पीड़ित की स्थिति उस समय गंभीर हो सकती है, जब मिर्गी का दौरा आता है। इस रोग का कोई जोखिम वाला समूह नहीं है। इसका मतलब है है कि छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी प्रभावित कर सकती है।


International Epilepsy Day: CDC ने बताया मिर्गी का दौरा पड़ने पर तुरंत करें 6 काम, मरीज की हालत नहीं होगी गंभीर

हर साल फरवरी के दूसरे सोमवार को

अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस (International Epilepsy Day)

मनाया जाता है। इस साल यह दिवस 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे (Valentine Day) पर मनाया जा रहा है। साल 2015 में इंटरनेशनल ब्यूरो फॉर एपिलेप्सी (IBE) और इंटरनेशनल लीग अगेंस्ट एपिलेप्सी (ILAE) द्वारा इस दिवस को मनाने के शुरुआत की गई। मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसमें दिमाग की गतिविधि असामान्य हो जाती है।

यह समस्या किसी को भी प्रभावित कर सकती है। इसमें पीड़ित की स्थिति उस समय गंभीर हो सकती है, जब

मिर्गी का दौरा

आता है। इस रोग का कोई जोखिम वाला समूह नहीं है। इसका मतलब है है कि छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी प्रभावित कर सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि जेनेटिक, फैमिली हिस्ट्री, स्ट्रोक आदि मिर्गी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

अगर बात करें

मिर्गी के लक्षणों ( Epilepsy symptoms)

की तो, मिर्गी के दौरे के दौरान पीड़ित का व्यवहार बदल जाता है जिसमें कभी-कभी चेतना का नुकसान भी शामिल होता है। दौरे के बीच कुछ लक्षण हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में मरीज बेहोशी या थकान, मांसपेशी संकुचन या मांसपेशियों में ऐंठन, भूलने की बीमारी, चिंता, अवसाद आदि जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार

, 10 में से लगभग 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में मिर्गी का दौरा पड़ सकता है। इसका मतलब है कि मिर्गी का दौरा आम है और किसी भी दिन आप इसकी चपेट में आ सकते हैं। इसलिए आपको दौरे के दौरान या बाद में किसी की मदद करने या लेने की जरूरत पड़ सकती है। चलिए जानते हैं कि अगर किसी को मिर्गी का दौरा आ जाए, तो आपको क्या करना चाहिए जिससे उसकी हालत और ज्यादा गंभीर होने से बचाई जा सके।

(फोटो साभार: TOI)



इमरजेंसी पर कॉल करें
इमरजेंसी पर कॉल करें

ऐसे हालात में आपको तुरंत इमरजेंसी मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए। अगर व्यक्ति को पहले कभी दौरा नहीं पड़ा है। दौरे के बाद व्यक्ति को सांस लेने या जागने में कठिनाई होती है। दौरा पांच मिनट से अधिक समय तक रहता है। व्यक्ति को पहले दौरे के तुरंत बाद एक और दौरा पड़ता है। दौरे के दौरान व्यक्ति को चोट लगती है। व्यक्ति डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी स्वास्थ्य स्थिति है, या वह गर्भवती है।



पीड़ित के साथ रहें
पीड़ित के साथ रहें

मेडिकल हेल्प नहीं आने तक पीड़ित के साथ तब तक रहें, जब तक कि दौरा समाप्त न हो जाए और वह पूरी तरह से जाग न जाए। इसके समाप्त होने के बाद व्यक्ति को सुरक्षित स्थान पर बैठने में मदद करें। एक बार जब वो सतर्क हो जाए और संवाद करने में सक्षम हो, तो उसे बताएं कि क्या हुआ है।



पीड़ित से आराम से बात करें
पीड़ित से आराम से बात करें

अक्सर देखा गया है कि

मिर्गी का दौरा

पड़ने पर आसपास के लोग घबरा जाते हैं। अगर किसी के साथ ऐसा हुआ है, तो ऐसी स्थिति में आपको शांति से काम लेना चाहिए। होश नहीं आने तक मरीज को आराम करने दें और होश में आने पर उससे आराम से बात करें। आपकी घबराहट उसके लिए बेचैनी पैदा कर सकती है।



मेडिकल ब्रेसलेट की जांच करें
मेडिकल ब्रेसलेट की जांच करें

जिन लोगों को मिर्गी का दौरा पड़ता है, वो अक्सर कुछ ऐसे मेडिकल उपकरण पहनकर रखते हैं, जिनके जरिए इमरजेंसी हेल्प ली जा सके। ऐसे समय में आपको यह जांच करनी चाहिए कि क्या पीड़ित ने मेडिकल ब्रेसलेट या अन्य इमरजेंसी उपकरण तो नहीं पहना है।



खुद को और दूसरे लोगों को शांत रखें
खुद को और दूसरे लोगों को शांत रखें

जाहिर है मिर्गी का दौरा पड़ने पर आसपास के लोगों में भय का माहौल पैदा हो सकता है इसलिए ऐसी स्थिति में सबसे पहले आपको खद को और वहां मौजूद लोगों को शांत रहने की जरूरत है। मेडिकल हेल्प आने तक उसके पास रहें या फिर टैक्सी या किसी अन्य व्यक्ति को बुलाने की कोशिश करें।





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