युद्ध के बीच यूक्रेन-पोलैंड बॉर्डर पर 24 घंटे चल रही है लंगर सेवा, विदेशी नागरिकों को भी दी जा रही है मदद

नई दिल्ली: युद्ध के बीच हजारों लोग घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं। भूखे-प्यासे चलना पड़ रहा है। इन सभी लोगों के लिए सिख समुदाय ने लंगर का इंतजाम किया है। देश से लेकर विदेश तक में ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे, जहां पर सिखों ने संकट के समय में खुद की परवाह किए बगैर लोगों की मदद की। यही जज्बा अब विदेशी धरती यूक्रेन से लेकर उसके साथ लगते अन्य देशों (रोमानिया, पौलेंड) के बॉर्डर पर भी देखने को मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक, खालसा एड के वॉलंटियर्स ने पर आ रहे भारतीय और अन्य नागरिकों की मदद के लिए लंगर सेवा शुरू की है। इसके लिए बकायदा टेंट लगाया गया है, जहां 24 घंटे लंगर पक रहा है और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराया जा रहा है। यहां सेवा कर रहे खालसा एड के वॉलंटियर अमनदीप सिंह ने बताया कि इस कैंप को शुरू हुए दो दिन हो गए हैं। पहले यहां आसपास की लोकेशन को पहचाना गया। आस-पास सिर्फ नॉन वेज ही मिल रहा था। फिर सब्जियों का इंतजाम किया गया। अमनदीप ने बताया कि यूक्रेन से जो भी पौलेंड बॉर्डर पर पहुंच रहा है उन्होंने कई दिनों से खाना नहीं खाया है। यहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ऐसे में गैस सिलिंडरों का इंतजाम कर अब गरमा-गरम लंगर खिलाया जा रहा है। अमनदीप ने कहा कि जो लोग बॉर्डर पहुंचते हैं उन्हें हमारी टीम अटैंड करती है। ये कैंप 10 किलोमीटर दूर हैं। फिर कैंप पहुंचाकर लंगर खिलाती है और पास में ही रहने का इंतजाम भी किया गया है। अमनदीप यूके के रहने वाले हैं और शुक्रवार को पोलैंड पहुंचे हैं। गुरुद्वारे ने भी लोगों के लिए दरवाजे खोलेपोलैंड के वारसा स्थित गुरु सिंह सभा गुरुद्वारे ने भी अपने दरवाजे लोगों के लिए खोल दिए हैं। यहां भी भारतीय छात्र बड़ी संख्या में ठहरे हुए हैं। गुरुद्वारे में रोजाना लंगर पक रहा है और यूक्रेन से आ रहे शरणार्थियों को खिलाया जा रहा है। पोलैंड के वॉलंटियर्स के साथ मिलकर अब सेवा जारी है। फिलहाल यहां दवाइयों के अलावा फल का इंतजाम किया गया है। लंगर में दाल-चावल बन रहे हैं। अमन ने बताया कि यहां हालात काफी खराब हैं। यहां भारतीयों के अलावा नेपाल के नागरिक भी थे। हम लोगों ने उन्हें स्टेशन जाने तक में मदद की। अमनदीप ने कहा कि सिख समुदाय यह सेवा किसी स्वार्थ से नहीं बल्कि निस्वार्थ भाव से इंसानियत को बचाने के लिए करता आया है और करता रहेगा। बॉर्डर के अलावा खालसा एड ने बताया कि यूक्रेन की ट्रेनों में भी लंगर की सेवा जारी है।
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