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अस्थमा अटैक से पहले मिलती हैं 5 चेतावनी, उसी समय जल्दी करें ये 4 काम, जान का जोखिम होगा कम

हर साल मई के पहले मंगलवार को 'वर्ल्ड अस्थमा डे' (World Asthma Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सांस या फेफड़ों की बीमारी अस्थमा के बारे में जागरूकता फैलाना है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, साल 2019 में अस्थमा ने अनुमानित 262 मिलियन लोगों को प्रभावित किया और 461000 लोगों की मृत्यु हुई। अस्थमा बच्चों में सबसे आम पुरानी बीमारी है। हर साल इस दिवस की थीम अलग-अलग होती है। इस साल यानी 2022 में वर्ल्ड अस्थमा डे की थीम (World Asthma Day 2022 Theme) है 'क्लोजिंग गैप इन अस्थमा केयर' (Closing Gaps in Asthma Care)। अस्थमा वायुमार्ग में सूजन की बीमारी है। इसकी वजह से सांस की नली में सूजन हो जाती है जिसकी वजह से फेफड़ों से हवा को बाहर लाना मुश्किल हो जाता है। इससे रोगी को सांस फूलने, घरघराहट, सीने में जकड़न और खांसी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। दिल्ली स्थित सर गंगा राम हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर रश्मि समा आपको बता रही हैं कि अस्थमा क्या है, अस्थमा का अटैक कैसे और क्यों आता है, अस्थमा अटैक के लक्षण और उपचार क्या है। इन चीजों को समझने से आपको अस्थमा के मरीज की जान के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

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