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इन 8 तरह के लोगों को होता है ब्लड कैंसर का होने का सबसे ज्यादा खतरा

ल्यूकेमिया (Leukemia) एक प्रकार का कैंसर है, जो व्हाइट ब्लड सेल्स को प्रभावित करता है। जानकर हैरत होगी, लेकिन हर साल 60 हजार से ज्यादा लोगों को ल्यूकेमिया होता है। ल्यूकेमिया होने का रिस्क उम्र के साथ बढ़ता जाता है, लेकिन फिर भी यह बीमारी 20 वर्ष से कम उम्र के लोगों में भी विकसित हो सकती है। दरअसल, ल्यूकेमिया ब्लड और बोन मैरो का कैंसर है। वैसे तो कैंसर कहीं भी हो सकता है, लेकिन ल्यूकेमिया तब विकसित होता है, जब बोन मैरो में ल्यूकेमिया सेल्स की एब्रॉर्मल और तेजी से वृद्धि होती है। जो जल्द ही बोन मैरो में अन्य नॉर्मल ब्लड सेल्स से ज्यादा हो जाती है। नतीजतन ल्यूकेमिया सेल्स ब्लड स्ट्रीम में नॉर्मल ब्लड सेल्स के रिलीज को बाधित करते हैं। इससे अलग-अलग अंगों और टिशूज को मिलने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति में गिरावट आती है। इन सभी स्थितियों के कारण शरीर संक्रमण और ब्लड क्लॉट्स के लिए प्रोन हो जाता है। ल्यूकेमिया में थकान, वजन घटना, बार-बार संक्रमण होना, एनीमिया, बुखर या ठंड लगना, हड्ड़ियों में दर्द और ब्लीडिंग जैसे कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं।खास बात यह है कि आप कभी नहीं जान सकते कि आपको ल्यूकेमिया कैसे हुआ , क्योंकि इसका कोई सटीक कारण नहीं होता। फिर भी वैज्ञानिकों ने इसके कुछ रिस्क फैक्टर्स की खोज की है। वर्ल्ड कैंसर डे के मौके पर हम आपको ऐसे 8 तरह के लोगों के बारे में बताएंगे, जिन्हें ल्यूकेमिया का जोखिम सबसे ज्यादा रहता है।

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