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58 देशों में फैला मंकीपॉक्स, WHN ने महामारी घोषित किया, जानिए आगे क्या खतरा है?



कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के साथ-साथ मंकीपॉक्स (Monkeypox) का प्रकोप भी जारी है। यह खतराक वायरस दुनियाभर के 58 देशो में फैल चुका है और अब तक इसके करीब 3,417 पुष्ट मामले हो गए हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य नेटवर्क यानी वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क (WHN) ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। एक बयान में कहा गया है कि मंकीपॉक्स का प्रकोप तेजी से कई महाद्वीपों में फैल रहा है और यह गोबल एक्शन के बिना नहीं रुकेगा।WHN ने कहा कि मंकीपॉक्स को महामारी घोषित करने का उद्देश्य यह है कि इससे होने वाले नुकसान को रोकने के लिए दुनियाभर के देश एक साथ होकर काम करें। संगठन ने यह भी कहा कि बेशक चेचक की तुलना में इसकी मृत्यु दर बहुत कम है, लेकिन अगर इसके प्रसार को रोकने के लिए कार्रवाई नहीं की गई, तो लाखों लोग मर जाएंगे और कई अंधे और विकलांग हो जाएंगे। WHN के को-फाउंडर यानिर बार-यम ने कहा कि मंकीपॉक्स महामारी (Monkeypox pandemic 2022) के और बढ़ने की प्रतीक्षा करने का कोई मतलब नहीं है। इस पर काम करने का सबसे अच्छा समय अभी है। तत्काल कार्रवाई करके प्रकोप को नियंत्रित कर सकते हैं और स्थिति खराब होने से रोक सकते हैं। इधर संगठन ने WHO से भी मंकीपॉक्स को गंभीरता से लेने का सुझाव दिया है।

मंकीपॉक्स की मौजूदा स्थिति

मौजूदा समय में मंकीपॉक्स का वायरस करीब 58 देशों में फैल चुका है और इससे अब तक 3,417 लोग संक्रमित हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि इसका सबसे ज्यादा प्रकोप अमेरिका और साउथ अफ्रीका में देखने को मिल रहा है।

मंकीपॉक्स क्या है?

मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से होती है। मंकीपॉक्स वायरस Poxviridae परिवार में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है। ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में वेरियोला वायरस (जो चेचक का कारण बनता है), वैक्सीनिया वायरस (चेचक के टीके में प्रयुक्त), और काउपॉक्स वायरस भी शामिल है। 

मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?

CDC के अनुसार, मनुष्यों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों के समान लेकिन हल्के होते हैं और संक्रमण के 7-14 दिनों बाद बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकावट के साथ शुरू होते हैं। इसके आम लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों के दर्द, थकान और सूजी हुई लसीका ग्रंथियां आदि शामिल हैं।

क्या मंकीपॉक्स से मौत होती है?

यह वायरस दुनियाभर के कई देशों में जा चुका है और मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस प्रकोप से आज तक किसी की मौत नहीं हुई है। लेकिन, मंकीपॉक्स से निमोनिया और आपके मस्तिष्क (एन्सेफलाइटिस) या आंखों में संक्रमण जैसी अन्य घातक मस्याएं (जटिलताएं) हो सकती हैं।

भारत में मंकीपॉक्स की स्थिति

31 मई 2022 तक भारत में मंकीपॉक्स वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, गैर-स्थानिक देशों में मामलों की बढ़ती रिपोर्ट को देखते हुए भारत को तैयार रहने की जरूरत है।


मंकीपॉक्स से बचने के उपाय

CDC ने मंकीपॉक्स से बचने के कुछ उपाय बताए हैं जैसे- संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से बचें, बीमार जावारों और इंसानों से दूरी बनाकर रखें, संक्रमित रोगियों को अलग कमरे में रखें, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें और हमेशा पीपीई का इस्तेमाल करें।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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