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बेकाबू हुआ कोरोना! डॉक्टरों की चेतावनी-बुखार-खांसी छोड़िए, हालत खराब कर रहे ये 5 गंभीर लक्षण



कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश में नए मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 12,249 नए मामले देखे गए हैं। इसके साथ ही एक्टिव केस 81,000 के पार हो गए हैं। बढ़ते मामलों को कोरोना की चौथी लहर (Covid 4th wave) के रूप में देखा जा रहा है। देश में अब तक 43,334,657 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और कुल 524,890 लोगों की मौत हो चुकी है। चूंकि कोरोना वायरस बार-बार अपने रूप बदल रहा है और साथ ही इसके लक्षणों में भी बदलाव हो रहा है इसलिए इसके लक्षणों को समझना बहुत जरूरी है ताकि समय पर संक्रमण का पता लगाने और बेहतर इलाज में मदद मिल सके। कोरोना के लक्षण अब कुछ दिनों या हफ्तों में ठीक नहीं हो रहे हैं बल्कि कई महीनों या सालों तक मरीजों का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। लंबे समय तक चलने वाले लक्षणों को लॉन्ग कोविड (Long Covid) के नाम से जाना जाता है। इस दौरान मरीजों को कई सामान्य या गंभीर लक्षण महसूस हो सकते हैं। अगर आप पिछले दो सालों में कोरोना की चपेट में आए हैं और अब अभी अभी आपको थकान, कमजोरी या सांस की कमी जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए और तुरंत बेहतर इलाज की कोशिश करनी चाहिए।

सांस लेने में परेशानी

कोरोना मुख्य रूप से श्वसन तंत्र का संक्रमण है।यह श्वास पर एक गंभीर प्रभाव डाल सकता है। ठीक होने के बाद भी यह समस्या रहे सकती है। महामारी की शुरुआत से सांस लेने में तकलीफ कोरोना का पहला संकेत है। कोरोना के डेल्टा, अल्फा, बीटा, गामा और यहां तक कि ओमीक्रोन जैसे वेरिएंट्स के मामले में भी यह लक्षण आम रहा है। लॉन्ग कोविड के लक्षणों में लक्षण पहला स्थान रखता है। इसका मतलब यह है कि ठीक होने वाले मरीजों में कई महीनों या सालों तक यह लक्षण महसूस हो सकता है।

दिल से जुड़ी समस्याएं

बैंगलोर स्थित नारायण हेल्थ सिटी में कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ प्रवीण पी सदरमिन का मानना है कि कोरोना शरीर के अन्य अंगों पर प्रभाव डालता है और यह दिल को भी प्रभावित करता है। कोरोना संक्रमण के बाद कई मरीज़ धड़कन और तेज दिल की धड़कन की शिकायत करते हैं। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (WHF) ने माना है कि कोरोना की वजह से दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा है। इससे मायोकार्डिटिस (हृदय की मांसपेशियों की सूजन) या पेरीकार्डिटिस का खतरा हो सकता है।

ब्रेन फॉग

कोरोना के बहुत से मरीजों में ब्रेन फॉग की समस्या देखी गई है। कोरोना संक्रमण के बाद न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर बड़ा खतरा बना है। इसके लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर आना, अवसाद या चिंता आदि शामिल हैं। यह लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं। अगर इसका उपचार न किया जाए, तो व्यक्ति की मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति खराब हो सकती है।

गंध और स्वाद का नुकसान

यह लक्षण कोरोना की दूसरी लहर में देखा गया था जो डेल्टा संस्करण के कारण हुआ था। हालांकि ओमीक्रोन वेरिएंट के मामले में इसके ज्यादा केस नहीं मिले। बहुत से लोग जिन्होंने कोरोना संक्रमण के दौरान गंध और स्वाद के नुकसान का अनुभव किया है, ने शिकायत की है कि वे हफ्तों और महीनों बाद भी वापस नहीं आ रहे हैं। एक शोध अध्ययन में यह भी पाया गया था कि कई लोगों में गंध और स्वाद इंद्रियां एक साल बाद भी वापस नहीं आती हैं।

देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति

भारत ने कुल मामलों की संख्या 4,33,31,645 हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 81,687 हो गई है। भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड से संबंधित 13 नई मौतें भी हुई हैं, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 5,24,903 हो गई है। सक्रिय मामलों में कुल संक्रमणों का 0.19 प्रतिशत शामिल है।


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