बेकाबू हुआ कोरोना! डॉक्टरों की चेतावनी-बुखार-खांसी छोड़िए, हालत खराब कर रहे ये 5 गंभीर लक्षण
सांस लेने में परेशानी
कोरोना मुख्य रूप से श्वसन तंत्र का संक्रमण है।यह श्वास पर एक गंभीर प्रभाव डाल सकता है। ठीक होने के बाद भी यह समस्या रहे सकती है। महामारी की शुरुआत से सांस लेने में तकलीफ कोरोना का पहला संकेत है। कोरोना के डेल्टा, अल्फा, बीटा, गामा और यहां तक कि ओमीक्रोन जैसे वेरिएंट्स के मामले में भी यह लक्षण आम रहा है। लॉन्ग कोविड के लक्षणों में लक्षण पहला स्थान रखता है। इसका मतलब यह है कि ठीक होने वाले मरीजों में कई महीनों या सालों तक यह लक्षण महसूस हो सकता है।
दिल से जुड़ी समस्याएं
बैंगलोर स्थित नारायण हेल्थ सिटी में कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ प्रवीण पी सदरमिन का मानना है कि कोरोना शरीर के अन्य अंगों पर प्रभाव डालता है और यह दिल को भी प्रभावित करता है। कोरोना संक्रमण के बाद कई मरीज़ धड़कन और तेज दिल की धड़कन की शिकायत करते हैं। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (WHF) ने माना है कि कोरोना की वजह से दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा है। इससे मायोकार्डिटिस (हृदय की मांसपेशियों की सूजन) या पेरीकार्डिटिस का खतरा हो सकता है।
ब्रेन फॉग
कोरोना के बहुत से मरीजों में ब्रेन फॉग की समस्या देखी गई है। कोरोना संक्रमण के बाद न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर बड़ा खतरा बना है। इसके लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर आना, अवसाद या चिंता आदि शामिल हैं। यह लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं। अगर इसका उपचार न किया जाए, तो व्यक्ति की मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति खराब हो सकती है।
गंध और स्वाद का नुकसान
यह लक्षण कोरोना की दूसरी लहर में देखा गया था जो डेल्टा संस्करण के कारण हुआ था। हालांकि ओमीक्रोन वेरिएंट के मामले में इसके ज्यादा केस नहीं मिले। बहुत से लोग जिन्होंने कोरोना संक्रमण के दौरान गंध और स्वाद के नुकसान का अनुभव किया है, ने शिकायत की है कि वे हफ्तों और महीनों बाद भी वापस नहीं आ रहे हैं। एक शोध अध्ययन में यह भी पाया गया था कि कई लोगों में गंध और स्वाद इंद्रियां एक साल बाद भी वापस नहीं आती हैं।
देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति
भारत ने कुल मामलों की संख्या 4,33,31,645 हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 81,687 हो गई है। भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड से संबंधित 13 नई मौतें भी हुई हैं, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 5,24,903 हो गई है। सक्रिय मामलों में कुल संक्रमणों का 0.19 प्रतिशत शामिल है।
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