खून में बढ़ा है यूरिक एसिड तो तुरंत बना लें इस सफेद चीज से दूरी, आयुर्वेद में है न खाने की सलाह
यूरिक एसिड भोजन के पाचन और शरीर की कोशिकाओं के टूटने की प्राकृतिक प्रक्रियाओं से बनता है। कुछ खाद्य पदार्थों में प्यूरिन नामक प्राकृतिक तत्व होता है। जब शरीर प्यूरिन का पाचन करता है, तो यूरिक एसिड बनता है। किडनी खून में से अधिकतर यूरिक एसिड को पेशाब के जरिये शरीर से बाहर भी निकाल देती है । लेकिन अगर यह यूरिक एसिड अधिक मात्रा में बनने लगती है तो किडनी उसे हटा नहीं पाती है। ऐसे में खून में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। अगर शरीर में बहुत ज्यादा यूरिक एसिड जमने लगे, तो इसे हाइपरयूरिसीमिया (Hyperuricemia) कहा जाता है ।खून में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से हाथ-पैर में जकड़न आने लगती है और उठने बैठने में दिक्कत होती है। उंगलियों में सूजन और असहनीय दर्द भी होता है। शरीर में यूरिक एसिड के बढ़े होने पर गठिया, संधिवात, गाउट आदि जैसी बीमारियां होती है। साथ ही साथ अगर जोड़ों में गांठ की शिकायत हो जाती है । यूरिक एसिड बढ़ने से ब्लड प्रेशर, थायराइड और मधुमेह जैसी बीमारियां होती है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि दही का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि आपके मन में भी यह सवाल रह-रहकर उठता है, तो चलिए जानते हैं इस बारे में क्या कहना है चरक फार्मा PVT. LTD की मेडिकल एडवाइजर मनीषा मिश्रा गोस्वामी का।
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