दिमाग में गांठ (ब्रेन ट्यूमर) का मरीज कितने दिन जिंदा रह सकता है? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
जब यह सवाल किया जाता है कि ब्रेन ट्यूमर क्या है, तो इसका जवाब यह है कि ब्रेन ट्यूमर दिमाग और उसके आसपास बनने वाली अनकंट्रोल सेल्स हैं। शोधकर्ताओं ने 150 से अधिक विभिन्न ब्रेन ट्यूमर की पहचान की है और हर तरह का ट्यूमर कैंसर हो, यह जरूरी नहीं है। ब्रेन ट्यूमर घातक यानी कैंसर वाला या हल्का यानी बिना कैंसर वाला दोनों तरह का हो सकता है। कुछ ट्यूमर तेजी से बढ़ते हैं, जबकि अन्य धीमी गति से बढ़ते हैं। आम भाषा में इसे दिमाग की गांठ भी कहा जाता है। क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, केवल एक तिहाई ब्रेन ट्यूमर कैंसर वाले होते हैं। ब्रेन ट्यूमर के दिमाग की नसों, रक्त वाहिकाओं या ऊतकों में फैलने की वजह से दिमाग का कामकाज प्रभावित होने के साथ पूरा स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। दिमाग में बनने वाले ट्यूमर को प्राइमरी ट्यूमर कहा जाता है। आपके शरीर के एक अलग हिस्से में बनने के बाद दिमाग में फैलने वाले ट्यूमर को सेकेंडरी ट्यूमर या मेटास्टेटिक ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। हर साल 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे (World Brain Tumor Day) के रूप में मनाया जाता है। दिन को मनाने का उद्देश्य ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस अवसर पर हम आपको बता रहे हैं कि ब्रेन ट्यूमर क्या है, ब्रेन ट्यूमर के क्या लक्षण हैं, ब्रेन ट्यूमर का खतरा किसे है, ब्रेन ट्यूमर कितना घातक है, ब्रेन ट्यूमर के क्या कारण हैं और ब्रेन ट्यूमर का मरीज कितने साल जी सकते है।
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