आयुर्वेद में अमृत मानी जाती है ये हरी घास, दस्त, उल्टी-बुखार से तुरंत देगी राहत
दस्त या डायरिया (Diarrhea) एक आम बीमारी है, जो दूषित खान-पान से होती है। अक्सर लोग इसे हल्के में लेते हैं लेकिन आपको बता दें कि यह रोग शरीर में पानी की कमी, मतली, उल्टी, दर्द, वजन कम होना, कमजोरी और थकान जैसे गंभीर लक्षणों को जन्म दे सकता है और कई मामलों में यह रोग मौत का कारण बन सकता है। आमतौर पर दस्त की समस्या कुछ दिनों तक रहती है लेकिन अगर यह हफ्तेभर से ज्यादा है, तो यह पेट के गंभीर रोग इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), सीलिएक रोग या इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) का संकेत हो सकता है। दस्त के लक्षण क्या हैं? दस्त होने पर आपको पानी वाला मल आना और उसके साथ पेट में ऐंठन या दर्द, सूजन, जी मिचलाना, उल्टी, बुखार, मल में खून और मल में बलगम आना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। दस्त का इलाज क्या है? अगर आपका दस्त बिना किसी सुधार के दो दिनों से अधिक समय तक बना रहता है, आप डिहाइड्रेशन महसूस कर रहे हैं, पेट या मलाशय में तेज दर्द होता है, मल काला या खुनी है या फिर आपको 102 F (39 C) से ऊपर बुखार है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। हालांकि आप कुछ घरेलू नुस्खों के जरिए भी दस्त में आराम पा सकते हैं। इसके लिए एक चंगेरी की घास एक जबरदस्त उपाय है।
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