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आयुर्वेद डॉ. के 4 'गोल्डन रूल्स' जीवनभर नहीं होने देंगे कब्ज-गैस जैसे 10 रोग

अधिकतर बीमारियों की शुरुआत पेट के खराब होने की वजह से होती है। कहते हैं अगर पेट ठीक है, तो सब ठीक है। अक्सर लोग गैस, कब्ज, एसिडिटी, पेट फूलना, एसिड रिफ्लक्स, पेट में तेज़ाब बनना, दस्त, उल्टी, पेट दर्द, आंतों में रुकावट, हीटबर्न, मरोड़े जैसी पेट और आंतों की समस्याओं से पीड़ित रहते हैं। इनमें से ज्यादातर विकार खराब खान-पान की वजह से होते हैं। बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहतर खान-पान जरूरी है लेकिन आपको खाने की गुणवत्ता, खाने का समय और मात्रा का ध्यान रखना भी जरूरी है। खाने-पीने के कुछ नियम होते हैं और अगर आपको बीमारियों से बचना है, तो आपको इन नियमों का पालन करना चाहिए। आप जितनी भी महंगी या पौष्टिक चीज खा लो, अगर आपको सही समय, मात्रा या खाने के तरीके के बारे में नहीं पता है, तो वो आपके फायदे से ज्यादा नुकसान दे सकती है। आयुर्वेद में खाने-पीने के नियमों (Ayurveda eating rules) पर विस्तार से चर्चा की गई है। आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार आपको खाने-पीने से जुड़े कुछ आयुर्वेदिक उपाय बता रही हैं, जिन्हें फॉलो करने से आप अपने पेट और पाचन को बेहतर बनाए रखने के साथ कई गंभीर बीमारियों से अपना बचाव कर सकते हैं।

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