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इन 5 कारणों से ठंड में गेहूं की जगह इस फल के आटे को खाने की सलाह देते हैं न्यूट्रीशनिस्ट!

रोटियों के लिए सबसे ज्यादा गेहूं का आटा इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि गेहूं का आटा व्यापक रूप से स्वस्थ माना जाता है। यह प्रोटीन, फाइबर और विभिन्न प्रकार के विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। लेकिन इसमें ग्लूटेन मौजूद होतने की वजह से यह सीलिएक रोग या गैर-सीलिएक ग्लूटेन संवेदनशीलता वाले लोगों के लिए उपयुक्त नहीं होता है। ऐसे में सिंघाड़े का आटा एक बेहतर और सेहतमंद विकल्प है।क्लीनिकल न्यूट्रीशनिस्ट लवनीत बत्रा (Clinical Nutritionist Lovneet Batra) ने हाल ही में अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अंकाउट से एक पोस्ट करके सिंघाड़े के आटे को गेहूं के आटे का अच्छा विकल्प बताया है। इस पोस्ट में वह लिखती हैं कि सिंघाड़ा आटा सूखे चेस्टनट से बनाया जाता है। इस आटे के स्वाद के साथ इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। जो ठंड के दिनों में हेल्थ और इम्यूनिटी को बनाए रखने का काम करते हैं। कई फायदों के बावजूद सिंघाड़े के आटे का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से बचें।

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