Opinion: OTT में छा गई है हिंग्लिश, दर्शकों की भाषा से कंटेंट की भाषा बन रही है
जब सिनेमा 3 घंटे से घटकर 90-100 मिनट पर आ गया और दूसरी तरफ टीवी में अनादि अनंत लंबी कथा का दौर था, ओटीटी ने समय सीमा को पुनर्परिभाषित किया। कई निर्देशकों ने खुद को फिर से खोजा, फिर से प्रासंगिक बने। क्षेत्रीय भाषाओं का विस्तार हुआ है। एक सर्वे के मुताबिक, 2024 तक ओटीटी पर रिलीज कंटेंट में हिंदी से अलग भारतीय भाषाओं की भागीदारी 54 फीसदी हो जाने वाली है। इसका मतलब यह भी है कि हिंदी की भागीदारी घट रही है।
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