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फीस को लेकर पालकों, बच्चों पर बना रहे मानसिक दबाव

Publish Date: | Sat, 20 Jun 2020 04:14 AM (IST)

तीन माह स्कूल बंद फिर कैसे जमा करें फीस, पालक

सौंसर। लॉकडाउन कोरोना वायरस को लेकर सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों के बाद में क्षेत्र स्कूलों में पढ़ाई बंद है, बावजूद इसके स्कूल संचालकों का पालकों पर दबाव और फीस वसूलने का धंधा जारी है। क्षेत्र के निजी सीबीएसई स्कूल संचालकों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं,कि वह अब राज्य शिक्षा केंद्र के द्वारा जारी आदेश को हवा में उड़ा रहे हैं। शुक्रवार को क्षेत्र के 3 सीबीएससी स्कूल संचालक के द्वारा कक्षा पहली से लेकर पांचवी तक राज्य शिक्षा केंद्र के द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई पर पूर्णता प्रतिबंधित करने के बावजूद भी बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है ऑनलाइन पढ़ाई का स्कूल संचालकों के द्वारा की फीस वसूली के लिए ढोंग किया जा रहा है,वहीं दूसरी और तीन माह का शिक्षकों को वेतन भी नहीं दिया है।

स्कूलों में ताले, बच्चे घर में बंद, कैसे पटाए फीस

सोचने वाली बात है कि फरवरी माह से लेकर अब तक सौंसर क्षेत्र के साथ-साथ संपूर्ण जिले के निजी सीबीएसई स्कूलों में ताले लगे हुए थे, पढ़ाई पूरी तरह बंद थी, शिक्षक भी अपने घरों पर थे, और अब स्कूल ओर कोचिंग संचालकों के द्वारा पालकों बच्चों पर लॉकडाउन के दौरान बीते हुए 3 माह की फीस की वसूली के लिए दबाव बनाया जा रहा है, एसएमएस भेजे जा रहे हैं, फोन किए जा रहे, एक और जहां लॉकडाउन के चलते मजदूर और मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा परेशान हो गया है वहीं अब स्कूलों से लगातार आ रहे मैसेज और फूलों के कारण भी बालक गन मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं।

पालक राजेश इवनाती, विजय जायसवाल ने बताया कि जब बच्चे 3 महीने घर में थे कोई पढ़ाई नहीं हुई स्कूल में ताले लगे हुए थे,फिर हमसे स्कूल के द्वारा फीस किस बात की मांगी जा रही है,वर्तमान में मजदूरों और मध्यमवर्गीय परिवार की हालत बहुत खराब है, मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग,ओर अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देना चाहिए।

जनप्रतिनिधियों को नहीं है चिंता

बीते कुछ वर्षों से देखने में आया है कि सौंसर क्षेत्र में कोचिंग क्लासेस, सीबीएसई स्कूलों में शिक्षा प्रदान करना धंधा बन गया है। निजी स्कूल संचालकों, कोचिंग क्लासेस के द्वारा फीस, कॉपी, किताब, ड्रेस, परिवहन, गेदरिंग जूते को लेकर कमीशन और लूट मारी मचा के रखी है। बावजूद इसके क्षेत्र की जनता को हितेषी समझने वाले जनप्रतिनिधियों के द्वारा स्कूल संचालकों के द्वारा किए जा रहे इस गोरखधंधे की रोकथाम पालकों बच्चों के समस्याओं का समाधान आदि को लेकर कोई प्रयास या कार्रवाई नहीं की जाती है। हालांकि क्षेत्र के सत्तापक्ष विपक्ष के जनप्रतिनिधियों अधिकारियों को पालकों के द्वारा निजी स्कूलों कोचिंग, क्लासेस में चल रही लूट को लेकर कई बार शिकायत की गई है, बावजूद इसके अधिकारियों जनप्रतिनिधियों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

शिक्षकों को नहीं मिला वेतन

एक ओर जहां क्षेत्र के निजी स्कूल संचालकों के द्वारा फीस को लेकर पालक बच्चों पर दबाव बना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर स्कूल संचालकों के द्वारा शिक्षकों को पिछले 3 माह का वेतन नहीं दिया गया है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक निजी स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई और हमें स्कूल संचालक के द्वारा स्कूल में बुलाया जा रहा है, बच्चों से फीस वसूली करने दबाव बनाया जा रहा है। बावजूद इसके हमारी 3 महीने की स्कूल संचालक के द्वारा फीस नहीं दी गई है। कार्य करने की मजबूरी के कारण हम प्रशासन के अधिकारियों को शिकायत भी नहीं कर सकते हैं।

ऑनलाइन पढ़ाई पर दिया जोर

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प्रांतीय शिक्षक संघ की संपन्ना हुई बैठक

सौंसर। संघ कार्यालय सौंसर में प्रांतीय शिक्षक संघ की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सभी सदस्यों ने सम्मिलित होकर अपने प्रस्ताव रखे। जिसमें प्रांतीय शिक्षक संघ सौंसर के तहसील अध्यक्ष के लिए रविप्रसाद कुसराम एवं ब्लाक अध्यक्ष के लिए राहुल गोड़बोले को नियुक्त किया गया है। बैठक में डिजीलेफ ऑनलाईन पढ़ाई पर चर्चा की और छात्रों को आनलाईन पढ़ाई स्मार्ट फोन के माध्यम से कराई जा रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अध्यापन करने वाले छात्रों के पास स्मार्ट फोन एव रेडियो जैसे संसाधन उपलब्ध नहीं है। जबकि शिक्षकों के पास स्मार्ट फोन है, ऐसी स्थिति में शालाओं में कार्यरत शिक्षक पढ़ाई से वंचित छात्रों को शाला में जाकर प्रतिदिन पांच छात्रों को एक घंटा फिजिकल डिस्टेंस रखकर अध्यापन कराएं जिससे निश्चित ही शाला में दर्ज सभी छात्रों को डिजीलेफ तथा रेडियो कार्यक्रम का लाभ मिल सकता है।

बैठक में प्रमुखता से जिलाध्यक्ष आचार्य प्रेमराज लांडे, जिला महासचिव दिनेश होलकर, जिला प्रवक्ता ज्ञानेश्वर पाटील, प्रदेश प्रतिनिधि मंजुश्री कांबले, जिला उपाध्यक्ष विजय मोहोड, रविप्रसाद कुसराम आदि थे।

अंबाडी में अवैध कच्ची शराब के खिलाफ महिलाओं ने सौंपा ज्ञापन

सौंसर। प्रशासन की लापरवाही के कारण ग्राम पंचायत अंबाड़ी में बड़े पैमाने पर खुलेआम कच्ची शराब का अवैध निर्माण और व्यवसाय किया जा रहा है, इस व्यवसाय की रोकथाम को लेकर प्रशासन को कई बार ज्ञापन सौंपने के बावजूद भी प्रशासन के अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। मजबूरी में महिलाओं को अब कच्ची शराब के विरोध में सड़क पर उतरकर आंदोलन करना पड़ रहा है,

शुक्रवार को अम्बाडी की महिलाओं ने एसडीएम कार्यालय में पहुंचकर अवैध कच्ची को ग्राम पंचायत से बंद कराने की मांग की है,

इसके पूर्व भी महिला मंडल के द्वारा लोधीखेड़ा थाने में पहुंचकर ग्राम पंचायत अंबाडी में बेची जा रही अवैध कच्ची शराब की बंदी करने की मांग की थी बावजूद इसके अभी तक पुलिस के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। अर्चना खंडाईत, वंदना चन्दनकर, कविता झाड़े, हरनाबाई माथनकर, ने बताया कि ग्राम में अवैध कच्ची शराब के निर्माण और बिक्री के चलते कई कई परिवार बर्बाद हो गए हैं अवैध कच्ची शराब के चलते ग्राम में हमेशा विवाद और मारपीट की घटनाएं घटित हो रही है, शराबियों के द्वारा ग्राम में शराब पीने के बाद में उत्पात मचाया जा रहा है प्रशासन के द्वारा तत्काल अवैध कच्ची शराब निर्माण और बिक्री पर पाबंदी लगानी चाहिए। इस दौरान रेनूबाई बर्दे,वनिता चटप,बेबी शेंडे,मीरा माथनकर,कांचन सेनोरे,शुशीला धुर्वे,कांता बरदे, नंदा मुगोले आदि थे।

Posted By: Nai Dunia News Network

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