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कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर जताई आपत्ति

Publish Date: | Sat, 29 Aug 2020 04:10 AM (IST)

दमुआ। भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों कार्यकारिणी विस्तार की प्रक्रिया जारी है। अधिकांश मंडल अध्यक्षों ने पार्टी के जिम्मेदार लोगों की सहमति से 61 सदस्यीय कार्यकारिणी में छह उपाध्यक्ष, दो महामंत्री, एक कोषाध्यक्ष और अधिकतम छह मंत्री पद पर सूची में अपनो को नामांकित कर संगठन के अगले पड़ाव तक पहुंचा भी दी है। कार्यकर्ता अब बेसब्री से इस सूची की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच ग्रामीण, उसमें भी अनुसूचित जनजाति बहुल विधानसभा क्षेत्र के कर्मठ भाजपा कार्यकर्ताओं में महामंत्री पद को लेकर असंतोष पनपने लगा है। कार्यकर्ताओं को जोड़ने के लिए बनाए गए ग्रुप में पोस्ट से अपनी आपत्ति दर्ज कर पार्टी की मंडल कार्यकारिणी में एसटी वर्ग के कार्यकर्ताओं को महामंत्री पद पर नामांकित किए जाने की आवाज उठाई है।

सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट से अंदाजा लगता है कि कार्यकर्ता आदिवासी बाहुल्य विधानसभा जुन्नाारदेव के पांच मंडलों में से तामिया को छोड़ अन्य चार मंडलों की कार्यकारिणी में एसटी वर्ग के कार्यकर्ता के लिए महामंत्री पद की मांग कर रहे हैं। दरअसल जुन्नाारदेव विधानसभा में भाजपा तामिया, जुन्नाारदेव शहरी और ग्रामीण तथा दमुआ शहरी और ग्रामीण मंडलों के जरिए पार्टी की रीति नीति को आम जनता तक पहुंचाने का काम करती है। अंदरूनी भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो दमुआ और जुन्नाारदेव के शहरी और ग्रामीण मंडलों की कार्यकारिणी में महामंत्री पद पर नामंकित कार्यकर्ताओं का चयन करते समय आदिवासी वर्ग के कार्यकर्ता को महामंत्री पद पर मनोनीत किए जाने संबंधी पार्टी गाइडलाइन को दरकिनार कर अपनों को उपकृत करने की चालबाजी की गई। जैसे जैसे कार्यकारिणी संबंधी खबरें पार्टी कार्यकर्ताओं तक पहुंची। आक्रोश उपजने लगा। पता चला है कि दमुआ शहरी और ग्रामीण तथा जुन्नाारदेव शहरी और ग्रामीण दोनों ही मंडलो में महामंत्री पद के लिए एसटी वर्ग के कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया गया है। दमुआ शहरी मंडल में तो इस गाइड लाइन की उपेक्षा तब हुई या की गई जब उसके कार्यक्षेत्र का विस्तार करते हुए लगभग दस आदिवासी पंचायती इलाके शहरी मंडल में शामिल कर दिए गए। पता चला है कि ऐसा ही दमुआ ग्रामीण मंडल में भी हुआ है। कुछ लोगों ने अंदरखाने पत्र लिखकर भी आपत्ति दर्ज की है।

इनका कहना है

पार्टी में किसी भी प्रकार का आंतरिक गतिरोध नहीं है, जिस कार्यकर्ता को समस्या है वो पार्टी फोरम में बात रख सकता है।

विवेक बंटी साहू, जिला अध्यक्ष भाजपा

खतरनाक साबित हो सकती है निर्माण में छोड़ी गई पहाड़ी

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बारिश से आई चट्टानों में दरारें, दरक सकती है पहाड़ी

दमुआ। परासिया-बैतूल स्टेट हाइवे निर्माण के दौरान निर्माण कंपनी दिलीप बिल्डकान द्वारा कोल्हिया घाटी पर छोड़ी गई पहाड़ी बारिश में इस मार्ग पर सफर करने वालो के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। बारिश की वजह से पहाड़ी में बड़ी दरारें आ गई हैं। बारिश में खतरनाक बनी यह पहाड़ी दरअसल मार्ग निर्माण के दौरान मशीन से पहाड़ को काटने के बाद छूटा हुआ हिस्सा है। मार्ग से सफर करके लौटे महेश पाटिल ने बताया कि बारिश के चलते पहाड़ी का कुछ हिस्सा सड़क की तरफ गिर भी चुका है। पहाड़ी नीमढाना और कोल्हिया के बीच घाट सेक्शन पर है। उन्होंने कहा हाइवे के किनारे आधी पहाड़ी में दिनोंदिन बढ़ती दरारें खतरे का संकेत दे रही है। आते जाते वाहनों और आकर्षक नजारे के चलते यह जगह युवाओं का सेल्फी पॉइंट बन चुका है। प्रशासन पहाड़ी को जमींदोज करके लोगो को भविष्य के खतरे से बचा सकता है।

Posted By: Nai Dunia News Network

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