संयम के लिए देवता भी तरसते हैं: रजनीभाई दोशी
Publish Date: | Sat, 29 Aug 2020 04:10 AM (IST)
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घर में पूजा कर रहे जैन धर्म के अनुयायी
छिंदवाड़ा। सकल दिगंबर जैन समाज के साथ मुमुक्षु मंडल एवं अखिल भारतीय जैन युवा फेडरेशन के श्रावक, श्राविकाएं दशलक्षण धर्म की मंगल आराधना में सलग्न हैं। सभी ने उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, शौच, संयम धर्म की मंगल आराधना करते हुए आत्म साधना की, शनिवार को सकल समाज धर्म के सातवें लक्षण उत्तम तप धर्म की आराधना करेगा।
फेडरेशन सचिव दीपकराज जैन ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में सकल दिगंबर जैन समाज शासन की गाईड लाईन के अनुसार घर पर ही दशलक्षण महापर्व की मंगल आराधना कर रहे हैं। जिसमें श्रावक – श्राविकाएं व्रत, नियम, सयंम पूर्वक सुबह से रात्रि तक ऑनलाइन पूजन, मंगल प्रवचन, विद्ध्वत संगोष्ठी, श्रीजिनेंद्र भक्ति के साथ विविध ज्ञानवर्धक साहित्यिक कार्यक्रमों में सलग्न हैं। जिससे समाज के सभी घरों में जिनालय एवं चैत्यालय जैसा वातावरण बन गया है। सभी घरों में सिर्फ और सिर्फ शुद्धात्मा के साथ दशलक्षण महापर्व के मंगलगान गुंजायमान हो रहे हैं। प्रवचनों की श्रृंखला में पं. रजनीभाई दोशी ने कहा कि संयम याने उपयोग को समेटना। चारों गतियों में संयम का पालन मनुष्य गति में ही हो सकता है। देवता भी इस संयम के लिए तरसते हैं। संयम कोई बाह्य क्रिया या प्रवृति का नाम नही अपितु भावों की मुख्यता है। पंडित अंकुर शास्त्री ने दौलतराम रचित छहढाला की चर्चा करते हुए सिद्ध भगवान का स्वरूप विस्तार से प्रतिपादित किया। साथ ही समस्त जीवों को ऐसे सिद्ध भगवानों का स्वरूप समझते हुए स्वयं भी उन जैसा होने की मंगल प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि निश्चय से प्रत्येक जीव का स्वरूप सिद्धों जैसा ही है अंतर सिर्फ पर्याय का है लेकिन जब यह जीव अपने उस त्रिकाली सिद्ध स्वरूप को समझकर उसका ही अवलंबन लेता है तो यही जीव सिद्ध बन जाता है। इस मार्ग पर चलने से ही इस जीव का बहिरात्मपना यानि अज्ञानता का अभाव होता है और वह अंतरआत्मा अर्थात ज्ञानी बनता है। कालांतर में यही अंतरात्मा जीव परमात्मपने को प्राप्त करता है। पं. राजकुमार शास्त्री ने कहा कि हमने अनन्त जन्म धारण कर अनन्त कार्य किए सिर्फ शुद्धचिद्रूप को नहीं जाना अर्थात निज शुद्धात्मा को नही जाना और जन्म – मरण करते हुए दुख ही दुख उठाए।
अब उत्तम देश, उत्तम कुल, उत्तम समागम और उत्तम पर्वराज दशलक्षण महापर्व का समागम मिला है। अत? अब किसी भी प्रकार से अवसर चूकना योग्य नही है। हम सबको जल्द से जल्द शुद्धात्मा की रुचि लगाकर अपना कल्याण करना है क्योंकि अब अवसर चूक गया तो फिर भव भव पछतायेगा अतः इस जन्म में शुद्धचिद्रूप को जानना ही है।
मनमोहन शाह बट्टी की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज को लिखा पत्र
छिंदवाड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जिले के अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं भारतीय गोंडवाना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्व. मनमोहन शाह बट्टी की मौत की जांच एक उच्चस्तरीय समिति अथवा सीबीआई के माध्यम से कराए जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री को प्रेषित अपने पत्र में श्री नाथ ने लिखा है कि पूर्व विधायक स्व. मनमोहन शाह बट्टी का निधन 2 अगस्त को हो गया था तथा शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने हेतु वे स्वयं 24 अगस्त को उनके गृहग्राम देवरी गए थे। ग्राम देवरी में श्रृद्धांजलि सभा में उपस्थित ग्राम के आदिवासी समाज के वरिष्ठजन एवं अन्य उपस्थित प्रबुद्धजन द्वारा स्व. मनमोहन शाह बट्टी की मौत को संदेहास्पद बताया गया है। इन शंकाओं के समाधान हेतु उनकी मौत की जांच को आवश्यक बताया गया है।
श्री नाथ ने अपने पत्र मे आगे लिखा कि स्व. बट्टी आदिवासी समाज के बड़े एवं लोकप्रिय नेता थे, चूंकि उनकी मृत्यु अप्रत्याशित रूप से हुई है इस कारण संपूर्ण आदिवासी समाज संदेह एवं आक्रोश की स्थिति में है। आदिवासी समाज के मानस में उपजे अविश्वास एवं शंका के समाधान हेतु यह आवश्यक है कि स्व. मनमोहन शाह बट्टी की मौत की विश्वसनीय एजेंसी के माध्यम से निष्पक्ष, विस्तृत एवं गहन जांच हो जिससे उनकी मौत के स्पष्ट तथ्य सामने आ सकेंगे और आदिवासी समाज का विश्वास बना रहेगा।
मक्के की फसल हुई बर्बाद, मुआवजे के मरहम की आस
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मक्के की फसल हुई आड़ी
छिंदवाड़ा। भारी बारिश के कारण सबसे ज्यादा नुकसान मक्के की फसल को हुआ है। जिसके कारण किसानों की मक्के की फसल आड़ी हो गई है। कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो सबसे ज्यादा उमरानाला, चौरई, चांद और छिंदवाड़ा में फसल बर्बाद हुई है। वहीं अभी किसानों का फसल बीमा नहीं हुआ है। वहीं अभी अधिकारी सर्वे करने की बात कह रहे हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में किसानों की फसल बर्बाद हुई है।
विधायक ने सीएम को लिखा पत्र
चौरई। विधायक चौधरी सुजीत सिंह ने चौरई विधानसभा के क्षेत्र चौरई, चांद एवं बिछुआ में अतिवृष्टि से हुए फसलों के नुकसान के सर्वे करने हेतू व उसके समुचित मुआवजे हेतू संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। साथ ही क्षेत्र के किसानों पर पड़ी इस भीषण आपदा के संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ एवं सांसद नकुल नाथ को पत्र के माध्यम से अवगत कराते हुए किसानों को जल्द से जल्द सर्वे करवाकर अधिक से अधिक मुआवजा दिलवाने की मांग की गई है।
Posted By: Nai Dunia News Network
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