महाकवि भूधरदास पर हुई ऑनलाइन परिचर्चा
Publish Date: | Wed, 19 Aug 2020 04:10 AM (IST)
सर्वोदय अहिंसा ट्रस्ट एवं मातृभाषा उन्नायन संस्थान का आयोजन
छिंदवाड़ा। कोविड 19 कोरोना संक्रमण काल में विविध आयोजनों के माध्यम से विश्व में जन जागरण फैलाकर सजगता फैलानी वाली राष्ट्रीय संस्था सर्वोदय अहिंसा ट्रस्ट एवं मातृभाषा उन्नायन संस्थान के तत्वावधान में अठारहवी सदी के संत कवि और जैन विद्वान पंडित भूधरदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को लेकर उनके अर्थावबोध पर सुंदर ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया। सर्वोदय अहिंसा के प्रदेश संयोजक दीपकराज जैन ने बताया कि संस्था द्वारा रसानुभूति श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित यह चौथी परिचर्चा थी। जिसमें जैन समाज के उच्च कोटि के विद्वान और हिंदी भाषा के प्रोफेसर डॉक्टर मनीष शास्त्री, मेरठ बतौर विशेषज्ञ सम्मिलित हुए। डॉ. मनीष शास्त्री ने पंडित भूधरदास के रचना कौशल, उनके जीवन के अनेक प्रसंगों एवं उनमें अर्थावबोध का सुंदर प्रतिपादन प्रस्तुत किया। इस दौरान भूधरदास के जीवन से जुड़े कई रोचक अनछुए पहलुओं पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में विभिन्ना स्थानों से हिंदी, साहित्य, दर्शनशास्त्र एवं अन्य क्षेत्रों के विद्वानों ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान परिचर्चा में जुड़े विद्वानों ने भूधरदास की रचनाओं को हिंदी साहित्य के विभिन्ना पाठ्यक्रमों में पढ़ाये जाने की वकालत की। विशेषज्ञ वक्ताओं ने कहा कि भूधरदास रीतिकाल के एक विलक्षण कवि थे जिन्होंने रीतिकाल में जबकि महाकाव्यों की रचना नगण्य रही है तब पार्श्वपुराण जैसा अद्भुत महाकाव्य सृजित किया है। उनके साहित्य में वैराग्य, तत्वज्ञान एवं शांतरस का अदभुत प्रयोग देखने को मिलता है। परिचर्चा का सफल संचालन अंकुर जैन एवं जनसंपर्क भोपाल के अभिषेक जैन ने किया।
Posted By: Nai Dunia News Network
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