जिले में साइबर क्राइम के मामले बढ़े, दो सौ से ज्यादा प्रकरण लंबित
Publish Date: | Wed, 12 Aug 2020 04:08 AM (IST)
– रुपयों का दोगुना करने और इनाम के बदले कर रहे ठगी, बहकावे में आ रहे युवा
फोटो एसपी ऑफिस के नाम से
छिंदवाड़ा (नवदुनिया प्रतिनिधि)।
हेलो में मुंबई से बोल रहा हूं, आपका चयन केबीसी के प्रतिभागी के रूप में हुआ है, आप इस खाते में रकम जमा कर अपनी बुकिंग करा लें, बस एक फोन कॉल ने सुमित (परिवर्तित नाम) की जिंदगी बदल कर रख दी। एक क्लिक से खाते से रकम ऐसे खाते में जमा हो गई, जहां से कभी रुपये वापस आने की उम्मीद नहीं है, ये तो सिर्फ बानगी है, साइबर क्राइम के जरिए रोजाना कई लोग ठगी का शिकार हो रहा हैं। जिले में ऐसे कई उदाहरण ठगी का शिकार हुए हैं। इस बारे में एसपी विवेक अग्रवाल ने बताया कि व्यक्ति लालच और बहकावे में आकर ही अपनी जीवन की जमा पूंजी इस तरह गंवा देता है, उन्होंने बताया कि दो सौ से ज्यादा साइबर क्राइम के प्रकरण जांच में लंबित हैं, जिस पर कार्रवाई की जा रही है।
केस 1- महिला को लालच देकर निकाले 6 लाख
सुनीता (परिवर्तित नाम) के पति की छह महीने पहले मौत हुई थी, जिसके बाद उसे एलआईसी से 6 लाख रुपये की रकम मिली, सुनीता को एक फोन आया जिसमें कहा गया कि आप ये रकम हमारे खाते में जमा कर दीजिए, 6 महीने में रकम दो गुनी हो जाएगी। सुनीता ने बिना सोचे समझे रकम खाते में जमा कर दी, 6 महीने बाद जब रकम वापस मांगी तो कोई जवाब नहीं आया बताया गया कि कॉल करने वाले मुंबई से थे, अब सुनीता साइबर क्राइम ऑफिस के चक्कर लगा रही है, लेकिन रकम कब मिलेगी, मिलेगी या नहीं इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।
केस 2- ऑनलाइन मोबाइल खरीदना पड़ा महंगा
साइबर क्राइम कार्यालय में एक अन्य शिकायत राजेंद्र साहू ने की। सांवरी निवासी राजेंद्र साहू ने बताया कि उनके बेटे ने ऑनलाइन मोबाइल की बुकिंग की, जिसमें ये बताया गया कि 15 हजार का मोबाइल है, फिलहाल 50 हजार रुपये जमा कर दो, बाकी रकम आपको लौटा दी जाएगी, जल्द ही मोबाइल की डिलेवरी की जाएगी। इसे लेकर जब बाद में पता किया तो न तो मोबाइल मिला और न ही पैसे वापस हुए। कॉल करने वाला खुद को सैनिक बता रहा है, फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आरोपित को पकड़ना होता है मुश्किल
साइबर क्राइम में सबसे बड़ी समस्या वास्तविक आरोपित को पकड़ना मुश्किल होता है, पुलिस के मुताबिक वास्तविक कॉलर फर्जी सिम के जरिए कॉल करता है, अधिकतर लोग दूसरे प्रदेश से ऑपरेट करते हैं, यही नहीं जो दस्तावेज दिए जाते हैं वो भी फर्जी होते हैं, इस कारण आरोपित को पकड़ना काफी मुश्किल होता है।
आम लोगों को जागरूक होने की जरूरत है, किसी भी प्रकार की ऑनलाइन ठगी में न फंसे, जो प्रकरण लंबित है उन मामलों में भी जांच जारी है।
– विवेक अग्रवाल, एसपी।
Posted By: Nai Dunia News Network
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