ब्लॉगः ऐसे ही हालात रहे तो मोदी-शाह से यूं मुकाबला नहीं कर पाएगी कांग्रेस
पंजाब से राजस्थान तक कांग्रेस की अंतर्कलह लगातार चर्चा में है। इसे आप सत्ता में हिस्सेदारी की लड़ाई मानिए या कुछ और, पार्टी की दुर्दशा का यह प्रतिबिंब है। कांग्रेस के इतिहास में शायद ही कभी ऐसा हुआ हो, जब इतने लंबे समय तक कोई पूर्णकालिक अध्यक्ष ही न हो। कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अस्वस्थ सोनिया गांधी के हवाले है पार्टी। एक समय कांग्रेस के रणनीतिकार माने जाने वाले ऐसे वरिष्ठ नेताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो पार्टी के भविष्य को लेकर चिंता प्रकट कर चुके हैं। मुखर और स्पष्ट न होते हुए भी इनमें सोनिया गांधी और उनके परिवार को लेकर असंतोष दिखता है। जी-23 कहलाने वाले समूह की संख्या दोगुनी होने की बात कही जा रही है। इनमें से ज्यादातर की चाहत यही है कि नीचे से ऊपर तक लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव हो या अध्यक्ष का निर्वाचन पार्टी संविधान के अनुसार हो।
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