मध्य प्रदेश में खाद की कमी नहीं, भीड़ न लगे इसलिए बढ़ाएं वितरण केंद्र : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मुरैना में डीएपी खाद के वितरण को लेकर आई समस्या के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खाद वितरण व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने उपचुनाव वाले जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए कि कहीं भी भीड़ न लगे। अधिक से अधिक वितरण केंद्र खोले जाएं। प्रदेश में खाद की कमी नहीं है। पिछले साल की तुलना में जिलों में अधिक खाद उपलब्ध है। उधर, कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि अब डिफाल्टर समितियों के माध्यम से भी खाद वितरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से खाद की स्थिति को लेकर समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि खाद का पर्याप्त भंडार हमारे पास उपलब्ध है। इसके आधार पर जिलों में अधिक से अधिक वितरण केंद्र प्रारंभ किए जाएं। एक केंद्र से वितरण होने पर इंतजार लंबा हो जाता है। लाइनें लगती हैं और उससे कई तरह की समस्या खड़ी हो जाती हैं। राज्य सहकारी विपणन संघ, सहकारी समिति हो या फिर निजी केंद्र, खाद वितरण के ज्यादा से ज्यादा वितरण केंद्र प्रारंभ करें। वितरण ठीक ढंग से हो, यह सुनिश्चित करें। यदि कहीं कोई संदेह हो तो अपर मुख्य सचिव हैं, मेरा कार्यालय है और मुख्य सचिव हैं, इनसे संपर्क करें।
मुरैना में चार हजार टन खाद उपलब्ध
उधर, कृषि मंत्री कमल पटेल ने खाद की स्थिति को लेकर बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अब खाद वितरण व्यवस्था का विकेंद्रीकरण किया जा रहा है। इससे डिफाल्टर समितियों के माध्यम से भी डीएपी और यूरिया का वितरण होगा। कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिए कृत्रिम संकट बना रही है। जरूरत से ज्यादा खाद की खरीद उन्हीं के लोगों द्वारा कराई जा रही है।
चंबल संभाग में 67 हजार पांच टन डीएपी वितरण का लक्ष्य रबी सीजन 2021-22 के लिए निर्धारित किया गया है। 14 हजार 713 टन खाद में से पांच हजार 163 टन डीएपी का वितरण हो चुका है। नौ हजार 550 टन खाद अभी भी उपलब्ध है। अकेले मुरैना जिले में चार हजार टन से अधिक डीएपी उपलब्ध है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे अनावश्यक खाद का भंडारण न करें क्योंकि खाद की कहीं कोई कमी नहीं है और लगातार आपूर्ति होगी।