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Cooperative Society Indore: ठंडी पड़ी विदुर नगर की 443 एकड़ शासकीय जमीन की जांच



इंदौर,  Cooperative Society Indore। शहर के सिरपुर और अहीरखेड़ी क्षेत्र में 443 एकड़ शासकीय जमीन के निजी हो जाने की जांच ठंडी पड़ चुकी है। सालों पहले यह जमीन होलकर राजवंश की उषा राजे होलकर के नाम दर्ज हो गई थी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने अब तक उन्हें नोटिस जारी कर यह तक नहीं पूछा कि यह शासकीय जमीन उनके नाम कैसे हो गई? जांच अधिकारियों ने इस शासकीय जमीन पर निर्माणाधीन मकानों का काम रुकवाकर कार्रवाई की औपचारिकता निभा दी है, लेकिन जमीन निजी नामों पर होने की जांच अब भी ठप है।


अहीरखेड़ी में सिरपुर तालाब से लगी सर्वे नंबर 525 की 443 एकड़ जमीन वर्ष 1962-63 तक शासकीय होकर राजस्व रिकार्ड में विश्रामबाग के नाम से दर्ज थी। इसके बाद 1964 में अचानक इस जमीन पर उषाराजे होलकर का नाम आ गया। इतनी बड़ी शासकीय जमीन निजी होकर होलकर के नाम कैसे हो गई, इसका कोई शासकीय आदेश भी नहीं है। निजी होने के बाद इस जमीन की खरीदी-बिक्री होती रही और मूल सर्वे नंबर के कई टुकड़े होते गए।


 इस पर विदुर नगर, प्रजापत नगर सहित अन्य कालोनियां अवैध रूप से बन गईं। आज भी यहां की खाली जमीन पर भूखंडों की खरीदी-बिक्री जारी है और इस पर अवैध रूप से निर्माण हो रहे हैं। प्रशासन को शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर मनीषसिंह ने एक महीने पहले मामले की जांच शुरू कराई थी।


अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर ने क्षेत्रीय एसडीएम पराग जैन और तहसीलदार दिनेश सोनरतिया को जांच सौंपी है। जांच अधिकारियों ने यहां निर्माणाधीन मकानों के लिए नोटिस जारी कर काम तो रुकवा दिया है, लेकिन आगे की जांच ठप है। जांच अधिकारियों का कहना है कि जमीन का पुराना रिकार्ड निकलवाया गया है। जल्द ही जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी।

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