Gwalior Health News: कल से मरीजों के लिए खुल सकते आइसीयू के द्वार
ग्वालियर: जिला अस्पताल का 20 बेड का आइसीयू बनकर तैयार है। लेकिन मरीज भर्ती करने के लिए इसके द्वार कल मंगलवार से खोले जा सकते हैं। उससे पहले कौन कौन से डाक्टर आइसीयू में ड्यूटी करेंगे इसकी सूची तैयार की जा रही है। उन डाक्टरों की ड्यूटी आइसीयू में लगाई जाएगी जिन्हें वेंटिलेटर चलाना आता हो। इसके लिए नर्सिंग स्टाफ को भी ट्रेंड करने की कवायद की जा रही है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब जिला अस्पताल में कोई सुविधा मरीजों को आसानी से मिल गई हो। मरीजों को सुविधा देने से पहले उसके श्रेय लेने की होड़ राजनीतिक लोगों से लेकर अस्पताल प्रबंधन व डाक्टरों में रही है। इस बार आइसीयू के उद्दघाटन को लेकर भी श्रेय लेने के लिए हर किसी ने पुरजोर प्रयास किया। लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया कि उद्घाटन के साथ मरीजों केा बेहतर उपचार देना शुरू किया जा सके। यही कारण है कि जिला अस्पताल में 20 बेड के आइसीयू का लोकार्पण केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कर चुके। लेकिन मरीजाें के लिए दो दिन बाद भी आइसीयू के द्वार नहीं खुल सके। लोकार्पण के बाद आइसीयू के दरवाजे मरीजों के लिए बंद कर दिए गए। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अभी कुछ संसाधनों के अलावा अभी डाक्टर व स्टाफ की उपलब्धता कराना शेष है। जबतक डाक्टर व स्टाफ की ड्यूटी आइसीयू के लिए नहीं लगा दी जाती है तबतक मरीज नहीं रखे जा सकते।
इसलिए अगले दो दिन में डाक्टर व स्टाफ का ड्यूटी चार्ट तैयार कर लिया जाएगा। जिसके बाद गंभीर मरीज आइसीयू में भर्ती करना शुरु किया जा सकेगा। हालांकि आइसीयू के एसी चालू हैं और ऑक्सीजन सप्लाई शुरू हो चुकी है। जबकि सभी बीस बेड पर मॉनिटर लगा दिए गए और दो वेंटिलेटर भी लग चुके हैं। पर मरीज को अभी आइसीयू में भर्ती होने के लिए दो दिन और इंतजार करना पड़ेगा। गौरतलब है कि जिला अस्पताल में कोई भी कार्य एक बार में शुरू नहीं हो सका है। बीस बेड के आइसीयू को कोरोना की पहली लहर में बनकर तैयार होना था। लेकिन दूसरी लहर निकलने के बाद अब आइसीयू राजनीति हस्ताक्षेप के बाद बनकर तैयार हुआ है। लोकार्पण कराने में जितनी जल्दबाजी अस्पताल प्रबंधन ने दिखाई उतनी जल्दबाजी उसे मरीजों को इलाज देने के लिए नहीं दिखाई जा रही है। जबकि जिला अस्पताल में हर दिन की आेपीडी 5 से 8 सौ के बीच जा रही है। गंभीर मरीज को जेएएच के लिए रैफर भी किया जा रहा है।
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