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डायरिया भी हो सकता है ओमीक्रोन का लक्षण, दस्त ठीक करने के लिए आजमाएं ये 5 आयुर्वेदिक उपचार

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। इस वेरिएंट के आने के बाद कोरोना के कुल मामले 30 करोड़ की संख्या को पार कर गए हैं। जिस तेजी से ओमीक्रोन के मामले बढ़ रहे हैं, उसी तेजी से इसके लक्षणों में भी बदलाव हो रहा है। अब सिर्फ खांसी, बुखार या थकान आदि ओमीक्रोन के लक्षण नहीं रहे गए हैं बल्कि मरीजों में डायरिया के लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने माना है कि सही समय पर लक्षणों को पहचानकर और खुद को अलग करके इसेके प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) का कहना है कि कोरोना के मरीजों में कई हल्के और गंभीर लक्षण देखने को मिल रहे हैं। सीडीसी का सुझाव है कि वायरस के संपर्क में आने के दो से 14 दिनों के बाद लक्षण दिखाई दे सकते हैं और किसी को भी हल्के से गंभीर लक्षण हो सकते हैं। यदि किसी को कोरोना वायरस है, तो संभव है कि आपको डायरिया यानी दस्त भी हो सकता है। इंग्लैंड के एक अंग्रेजी मीडिया ने लिखा है कि यह जरूरी नहीं है कि डायरिया भी कोविड का लक्षण हो लेकिन मरीजों में ऐसे लक्षण विकसित हो रहे हैं, जो इशारा करते हैं कि डायरिया के संकेत हो सकते हैं। सीडीसी और जॉन हॉपकिंस मेडिसिन ने चेतावनी दी है कि यह एक संकेत हो सकता है। बताया जा रहा है कि वायरस की चपेट में आने के तुरंत बाद एक लक्षण के रूप में लगभग 20% को दस्त होने की संभावना है। सीडीसी ने कहा कि यदि आपका पेट खराब है और आपको दस्त है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि आप ओमीक्रोन की चपेट में हों। अगर आपको दस्त के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको सबसे पहले कोरोना की जांच करानी चाहिए और आराम पाने के लिए साथ में कुछ आयुर्वेदिक उपचार भी आजमाने चाहिए।

Omicron ke lakshan diarrhea ka ilaj: सीडीसी का सुझाव है कि वायरस के संपर्क में आने के दो से 14 दिनों के बाद लक्षण दिखाई दे सकते हैं और किसी को भी हल्के से गंभीर लक्षण हो सकते हैं। यदि किसी को कोरोना वायरस है, तो संभव है कि आपको डायरिया यानी दस्त भी हो सकता है।


Diarrhea Ayurveda Treatment: डायरिया भी हो सकता है ओमीक्रोन का लक्षण, दस्त ठीक करने के लिए आजमाएं ये 5 आयुर्वेदिक उपचार

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट

ओमीक्रोन

ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। इस वेरिएंट के आने के बाद कोरोना के कुल मामले 30 करोड़ की संख्या को पार कर गए हैं। जिस तेजी से ओमीक्रोन के मामले बढ़ रहे हैं, उसी तेजी से इसके लक्षणों में भी बदलाव हो रहा है। अब सिर्फ खांसी, बुखार या थकान आदि ओमीक्रोन के लक्षण नहीं रहे गए हैं बल्कि मरीजों में डायरिया के लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)

ने माना है कि सही समय पर लक्षणों को पहचानकर और खुद को अलग करके इसेके प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है।

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC)

का कहना है कि

कोरोना

के मरीजों में कई हल्के और गंभीर लक्षण देखने को मिल रहे हैं। सीडीसी का सुझाव है कि वायरस के संपर्क में आने के दो से 14 दिनों के बाद लक्षण दिखाई दे सकते हैं और किसी को भी हल्के से गंभीर लक्षण हो सकते हैं। यदि किसी को कोरोना वायरस है, तो संभव है कि आपको

डायरिया

यानी दस्त भी हो सकता है।

इंग्लैंड के एक अंग्रेजी मीडिया ने लिखा है कि यह जरूरी नहीं है कि डायरिया भी कोविड का लक्षण हो लेकिन मरीजों में ऐसे लक्षण विकसित हो रहे हैं, जो इशारा करते हैं कि डायरिया के संकेत हो सकते हैं।

सीडीसी और जॉन हॉपकिंस मेडिसिन

ने चेतावनी दी है कि यह एक संकेत हो सकता है। बताया जा रहा है कि वायरस की चपेट में आने के तुरंत बाद एक लक्षण के रूप में लगभग 20% को दस्त होने की संभावना है। सीडीसी ने कहा कि यदि आपका पेट खराब है और आपको दस्त है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि आप ओमीक्रोन की चपेट में हों। अगर आपको दस्त के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको सबसे पहले कोरोना की जांच करानी चाहिए और आराम पाने के लिए साथ में कुछ

आयुर्वेदिक उपचार

भी आजमाने चाहिए।



लौकी खाएं
लौकी खाएं

दस्त

के लिए लौकी एक बेहतर विकल्प है। इसमें बहुत अधिक फाइबर और पानी की मात्रा होती है और पचाना भी आसान है। इसमें कम कैलोरी होती है और ये पेट के लिए हल्की होती है।

अध्ययन के अनुसार,

लौकी में सभी तरह के विटामिन्स और आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के बेहतर कामकाज के लिए जरूरी हैं।



खूब पानी पिएं
खूब पानी पिएं

दस्त होने पर

डिहाइड्रेशन

से बचना बहुत जरूरी है इसलिए आपको सामान्य से अधिक तरल पदार्थ पीना जरूरी है। वैसे सादा पानी सबसे अच्छा है, लेकिन आप छाछ या फलों का रस भी ट्राई कर सकते हैं। विशेष रूप से सेब और अनार का रस और अदरक की चाय फायदेमंद हो सकती है। अदरक पाचन को उत्तेजित करता है और एंटीऑक्सिडेंट से भरा होता है जो शरीर को फिर से हाइड्रेट करता है।



भूना जीरा
भूना जीरा

राष्ट्रीय स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण संस्थान

के अनुसार, पांच ग्राम भूना जीरा या मुस्तका (मोथा) की जड़ या पिप्पली (लंबी मिर्च) या शुंठी सोंठ (सूखे अदरक) के फल के पाउडर को एक लीटर तकरा मट्ठा (मक्खन दूध) के साथ मिक्स करें और चार हिस्सों में विभाजित करकेछह घंटे के अंतराल पर लेनी चाहिए।



सूखा अदरक
सूखा अदरक

संस्थान का कहना है कि सूखा अदरक

दस्त

से निपटने में बेहद असरदार साबित हो सकता है। इसके लिए 1 से 3 ग्राम सूखा अदरक और शरारा (कच्ची चीनी) को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और इसे दिन में दो बार लें। इससे दस्त के लक्षण दूर हो जाते हैं।



जायफल
जायफल

राष्ट्रीय स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण संस्थान के अनुसार,

जायफल, जीरा और बेल के फलों के गूदे को बराबर मात्रा में लेकर चूने के पानी की पर्याप्त मात्रा में पीसकर 800 मिलीग्राम की गोलियां बना लें। इसे सुबह चावल के पानी के साथ लेने से आपको आराम मिल सकता है।





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