गाढ़े खून से ब्लड क्लॉट जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा, खून पतला करने के लिए खाएं ये 5 सस्ती चीजें
बहुत से लोग सोचते हैं कि गाढ़ा खून अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है लेकिन यह सिर्फ एक मिथक है। दरअसल गाढ़ा खून स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। खून के गाढ़ा होने से ब्लड क्लॉट जैसी कई गंभीर समस्याओं का खतरा होता है। मेडिकल भाषा में खून गाढ़ा होने को हाइपरकोएग्युलेबिलिटी (Hypercoagulability) के रूप में जाना जाता है। दरअसल खून में छोटे-छोटे थक्के (Blood Clot) बने होते हैं लेकिन जब खून ज्यादा गाढ़ा होने लगता है, तो थक्के बड़े होने लगते हैं। धमनियों में जमने वाले खून के थक्के जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। इससे दिमाग, दिल और फेफड़ों जैसे अंगों में रक्त का प्रवाह रुक सकता है। खून के गाढ़ा होने से आपको हार्ट अटैक, स्ट्रोक, थ्रोम्बोसिस और पल्मोनरी एम्बोलिज्म जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा हो सकता है।दरअसल जब खून गाढ़ा होता है, तो यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन, हार्मोन और पोषक तत्वों की गति को बाधित कर सकता है, जिससे खून ऊतकों और कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता है। इससे कोशिकाओं में ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है और हार्मोनल और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। चलिए जानते हैं कि खून गाढ़ा होने पर शरीर क्या संकेत दे सकते है और आपको किन चीजों कसे सेवन से खून को पतला करने में मदद मिल सकती है।(फोटो साभार: TOI)खून पतला करने के उपाय : दरअसल जब खून गाढ़ा होता है, तो यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन, हार्मोन और पोषक तत्वों की गति को बाधित कर सकता है, जिससे खून ऊतकों और कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता है। इससे कोशिकाओं में ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है और हार्मोनल और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।

बहुत से लोग सोचते हैं कि गाढ़ा खून अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है लेकिन यह सिर्फ एक मिथक है। दरअसल गाढ़ा खून स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। खून के गाढ़ा होने से ब्लड क्लॉट जैसी कई गंभीर समस्याओं का खतरा होता है। मेडिकल भाषा में खून गाढ़ा होने को
हाइपरकोएग्युलेबिलिटी (Hypercoagulability)
के रूप में जाना जाता है।
दरअसल खून में छोटे-छोटे थक्के
बने होते हैं लेकिन जब खून ज्यादा गाढ़ा होने लगता है, तो थक्के बड़े होने लगते हैं। धमनियों में जमने वाले खून के थक्के जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। इससे दिमाग, दिल और फेफड़ों जैसे अंगों में रक्त का प्रवाह रुक सकता है। खून के गाढ़ा होने से आपको हार्ट अटैक, स्ट्रोक, थ्रोम्बोसिस और पल्मोनरी एम्बोलिज्म जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा हो सकता है।
दरअसल जब खून गाढ़ा होता है, तो यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन, हार्मोन और पोषक तत्वों की गति को बाधित कर सकता है, जिससे खून ऊतकों और कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता है। इससे कोशिकाओं में ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है और हार्मोनल और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। चलिए जानते हैं कि खून गाढ़ा होने पर शरीर क्या संकेत दे सकते है और आपको किन चीजों कसे सेवन से खून को पतला करने में मदद मिल सकती है।
(फोटो साभार: TOI)
शरीर में खून गाढ़ा होने के लक्षण

खून के गाढ़ा होने के अक्सर कोई लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन खून का थक्का जमने के बाद ज्यादातर लोगों को पता चलता है कि उनका खून गाढ़ा हो चुका है। हालांकि कभी-कभी गाढ़ा खून भी कई लक्षण पैदा कर सकता है। इन लक्षणों में शामिल है- छाती में दर्द, सांस लेने में कठिनाई,
, जैसे हाथ में झुनझुनी या पीठ या जबड़े में दर्द, सिरदर्द, गंदी बोली या बोलने में कठिनाई, चक्कर आना, भाषण समझने में परेशानी, निचले पैर में दर्द या लाली आदि।
अदरक

अदरक में सैलिसिलेट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो रक्त के थक्के जमने से रोक सकते हैं। एसिटाइलसैलिसिलिक एसिड, जिसका उपयोग दवा तैयार करने के लिए किया जाता है, वो सैलिसिलेट से प्राप्त होता है। यह स्ट्रोक और दिल के दौरे को रोकने में मदद कर सकता है।
दालचीनी

खाने स्वाद जोड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सुगंधित दालचीनी भी खून को पतला करने वाला एक शक्तिशाली मसाला है। इस मसाले में Coumarin होता है, जिसमें रक्त को पतला करने के गुण होते हैं और इसका उपयोग दवा बनाने के लिए किया जाता है। दालचीनी का उपयोग आपके
और गठिया के कारण होने वाली सूजन को कम करने के लिए भी किया जा सकता है।
हल्दी

हल्दी को गोल्डन स्पाइस कहा जाता है। इसके कई औषधीय गुण हैं। हल्दी के मुख्य सक्रिय तत्वों में से एक करक्यूमिन में खून के थक्के को खत्म करने की क्षमता होती है और यह रक्त के थक्के को बनने से रोक सकता है। इसके अलावा हल्दी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल भी होती है।
लाल मिर्च

लाल मिर्च में मौजूद सैलिसिलेट की मात्रा अधिक होने से यह रक्त को पतला करने वाला एक बढ़िया फूड है। लाल मिर्च का उपयोग ब्लड प्रेशर को कम करने और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने के लिए भी किया जा सकता है। आप या तो पिसी हुई लाल मिर्च को अपने खाने में इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर इसे कैप्सूल में भी ले सकते हैं।
लहसुन

लहसुन अपने एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण सुपरफूड के रूप में जाना जाता है। इसका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की दवा तैयार करने में किया जाता है। शोध बताते हैं कि लहसुन के पाउडर में एंटी-थ्रोम्बोटिक गुण होते हैं जो रक्त के थक्के बनने को कम कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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