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डार्क स्किन लोगों में बढ़ जाता है Vitamin D deficiency खतरा, तुरंत खाना शुरू करें ये 8 चीजें

विटामिन डी की कमी को Hypovitaminosis D और Low Vitamin D भी कहा जाता है। इसे कभी-कभी 'सनशाइन विटामिन' भी कहते हैं, क्योंकि त्वचा सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आकर इसे कोलेस्ट्रॉल से बनाता है। लेकिन विटामिन डी के उत्पादन की क्षमता व्यक्ति की त्वचा के रंग के साथ बदलती रहती है। विटामिन डी की कमी दुनिया भर में सबसे आम पोषण संबंधी कमियों में से एक है। शरीर में इसकी कमी को तीन तरह से पूरा किया जा सकता है- त्वचा, आहार और पूरक आहार से। vitamin d deficiency त्वचा के रंग के कारण भी होती है। इसे लेकर हुए एक स्टडी से पता चलता है कि गहरे रंग की त्वचा वाले व्यक्तियों को विटामिन डी के पर्याप्त स्तर को संश्लेषित करने के लिए लंबे या अधिक तेज UV(पराबैंगनी किरण) की आवश्यकता होती है। दूसरे शब्दों में, यदि अआपके त्वचा का रंग गहरा है, तो आपका शरीर हल्की त्वचा वाले लोगों की तुलना में धूप में कम विटामिन डी बनाता हैं। लगभग 76 प्रतिशत भारतीय विटामिन डी की कमी और अपर्याप्तता से पीड़ित हैं, जिसमें18-30 वर्ष की आयु के वयस्कों की संख्या सबसे ज्यादा है।

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