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क्या आपको पता है ट्रेन अपना प्लेटफॉर्म कैसे ढूंढ लेती है, 'स्लीपर के नीचे स्लीपर' का क्या मतलब है

नई दिल्ली: क्या आप जानते हैं कि रेल की पटरी बिछाने पर कितना खर्च आता है? जरा अंदाजा लगाइए। एक किमी पर कितना लगता होगा- एक करोड़, 10 करोड़... जी नहीं पूरे 20 करोड़ रुपये। रास्ते में पुल या पहाड़ी है तो लागत और बढ़ सकती है। इसी पटरी पर ट्रेन दिन-रात दौड़ती है। आज हम दो सवालों के जवाब जानेंगे। पहला, कोई भी स्टेशन आने पर ट्रेन को कैसे पता चल जाता है कि गुवाहाटी एक्सप्रेस को 3 नंबर पर और रीवांचल एक्सप्रेस को 6 नंबर पर जाना है। जबकि वहां कई प्लेटफॉर्म होते हैं और कई पटरियां बिछी होती हैं। आपने ट्रेनों को ट्रैक बदलते भी देखा होगा। ऐसा लगता है जैसे ट्रेन को पहले से पता था कि उसे मुड़कर इसी दिशा में जाना है। यह वायरल वीडियो देखिए। जैसे सांप चलता है ठीक वैसे ही ट्रेन मुड़ती हुई चली आ रही है? दूसरा सवाल, स्लीपर कोच तो सभी जानते हैं पर उसके अलावा रेलवे में स्लीपर क्या होता है?

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