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मिच्छामि दुक्कडम् - राहत टीकमगढ़

September 29, 2025
मिच्छामि दुक्कडम् मन की गलियों में धूल बहुत है, शब्दों में भी कभी भूल बहुत है। अनजाने में जो आघात हुए, उनके कारण रिश्ते खंडित हुए। आज अहंकार...Read More

हर बात में

September 01, 2025
हर बात में हर बात में उसी की हिकायत आ गई तुम्हें, सुना है इश्क़ की इनायत आ गई तुम्हें। अदावत लगी जैसे मोहब्बत की खुशबू, ये अजब सादगी की नज़ा...Read More