मिच्छामि दुक्कडम् मन की गलियों में धूल बहुत है, शब्दों में भी कभी भूल बहुत है। अनजाने में जो आघात हुए, उनके कारण रिश्ते खंडित हुए। आज अहंकार...Read More
मिच्छामि दुक्कडम् - राहत टीकमगढ़
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September 29, 2025
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उत्तम आर्जव स्तवन हे अरिहंत प्रभु! आपकी वाणी में जो सहजता है, वही मेरे जीवन की राह बने। न छल, न कपट, न दम्भ का भार, आर्जव ही आत्मा का सच्चा...Read More
उत्तम आर्जव स्तवन - राहत टीकमगढ़
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September 29, 2025
Rating: 5
महाकाय गणेश भजन जय महाकाय बल के सागर, भक्तों के तुम हित-रक्षक ॥ विशाल काया अद्भुत बल, तेरे आगे न टिके कोई दल। धरती गगन तुझमें समाए, तेरी महि...Read More
महाकाय गणेश भजन
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September 29, 2025
Rating: 5
रचना – परिपक्वता कभी हम सोचते थे रिश्ते टूटते कैसे हैं? लोग अचानक ख़ामोश क्यों हो जाते हैं? हम बेवजह ढूँढते थे हर चुप्पी के पीछे का जवाब, हर...Read More
परिपक्वता - Kavita राहत टीकमगढ़
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September 29, 2025
Rating: 5
ग़ुरूर की धूप में ग़ुरूर की धूप में जब ख़ाक-सी छा गई तमन्ना की ठंडी हवा फिर से आ गई तामीर-ए-दिल में थे फ़ज़ाइल के गुंचे सभी मगर शक की सर्द ह...Read More
ग़ुरूर की धूप में
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September 01, 2025
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हर बात में हर बात में उसी की हिकायत आ गई तुम्हें, सुना है इश्क़ की इनायत आ गई तुम्हें। अदावत लगी जैसे मोहब्बत की खुशबू, ये अजब सादगी की नज़ा...Read More
हर बात में
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September 01, 2025
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आँखों में सैलाब आँखों में सैलाब, ख़ामोश होंठ, कहाँ जाएँगे हम दिल के चीरते ज़ख़्म कहाँ तक छुपाएँगे हम हर रोज़ गिरते हुए तारे की तरह टूटे हैं ...Read More
आँखों में सैलाब
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September 01, 2025
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ग़म में ग़ाफ़िल दीवाना इतना, कि ग़म की अंधेरी रात में ग़म ही चिराग़ हो गया। जलती रही उसकी चिता रात भर बिना किसी के आग दिए ही अपने ग़म कि गर्मी से र...Read More
गाफ़िल
Reviewed by मध्यप्रदेश टाइम्स
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July 04, 2018
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